deltin33 • 2025-11-5 12:37:01 • views 662
सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। सुप्रीम कोर्ट ने कुत्तों के काटने के पीड़ितों को पक्षकार बनने की इजाजत दी है। पीड़ितों को हस्ताक्षेप अर्जी देने के लिए कोई पैसा नहीं जमा कराना होगा। जबकि कुत्ता प्रेमियों को 25 हजार और एनजीओ को दो लाख रुपये जमा कराने होंगे तभी सुना जाएगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर शहर भर में कुत्ता काटने के पीड़ितों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुआ कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट तक जाने के लिए तैयार हैं। शहर में मुख्य तौर पर सोसायटियों में कुत्ते काटने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। आए दिन कुत्ते लोगों को काटकर घायल कर देते हैं। ऐसे में लोगों को काफी ज्यादा समस्या हो रही है।
पति को कुत्तों ने काफी बुरी तरह घायल कर दिया था। हाथ का आपरेशन कराना पड़ा था। हड्डी टूट गई थी और प्लेट डलवानी पड़ी थी। शरीर पर काफी ज्यादा टांके आए थे। जून से अब तक पूरी तरह से रिकवर नहीं हुए हैं। जरूरत पड़ी तो मेरे पति सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए तैयार हैं। कुत्तों की समस्या का समाधान होना चाहिए।
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निधि झा
कुत्ते काटने की घटनाएं काफी ज्यादा हो रही हैं। मुझे कुत्ते ने काटकर घायल कर दिया। वैक्सीनेशन कराने के लिए आया हूं। जरूरत पड़ी तो समस्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए भी तैयार हैं।
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शहर में कुत्तों की समस्या लगातार बढ़ती जा रही हैं। कुत्ते काटकर घायल कर देते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कुत्ता काटने के पीड़ितों को पक्षकार बनाने के अच्छा निर्णय लिया है। वह भी इसके लिए तैयार हैं।
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कुत्ते ने काटकर घायल कर दिया। कुत्तों की समस्या काफी ज्यादा बढ़ रही है। आए दिन कुत्ते काटने की घटनाएं हो रही हैं। समाधान न करने के लिए नगर निगम जिम्मेदार हैं। समस्या को लेकर वह नगर निकाय से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाने के लिए तैयार हैं। आनलाइन पोर्टल पर भी शिकायत की है।
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- उदित |
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