राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली और एनसीआर के अन्य शहरों में वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कड़ी टिप्पणी करते हुए संबंधित एजेंसियों समस्या बढ़ने पर नहीं पहले कदम उठाने को कहा है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) से इस संबंध में विस्तृत शपथ पत्र देने को कहा है। वहीं, सीएक्यूएम ने मंगलवार को इंटरनेट मीडिया पर प्रदूषण रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उसने पंजाब व हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आने और एनसीआर में आवश्यक कदम उठाए जाने का दावा किया। कहा, दिल्ली सरकार व एनसीआर के शहरों से संबंधित राज्य सरकारों और पंजाब सरकार के साथ मिलकर समस्या के समाधान के लिए काम किया जा रहा है।
सीएक्यूएम ने मंगलवार शाम को एक्स पर नौ पोस्ट किए। कहा, दिल्ली में एक्यूआई में कमी आ रही है। रविवार को यह 366, सोमवार को 309 और मंगलवार को 291 दर्ज किया गया।
पराली जलाने की घटनाओं की निगरानी के लिए आयोग ने चंडीगढ़ में एक प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है। इसके साथ ही पंजाब और हरियाणा में 31 उड़न दस्ते तैनात किए गए हैं।
15 से 3 नवंबर तक दोनों राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं में भी पिछले वर्ष की तुलना में गिरावट देखी गई है। पंजाब में इस वर्ष 2,518 घटनाएं सामने आई जबकि पिछले वर्ष में यह संख्या 4,132 थी।
हरियाणा में भी वर्ष 2024 में 857 की तुलना में इस वर्ष 145 मामले सामने आए हैं। पंजाब में 2161 और हरियाणा में 121 खेतों का निरीक्षण किया गया है।
पराली जलाने वालों के विरुद्ध पंजाब में 946 और हरियाणा में 42 एफआईआर दर्ज की गई हैं। पंजाब में 52.75 लाख रुपये और हरियाणा में तीन लाख रुपये का पर्यावरण जुर्माना लगाया गया है।
प्रदूषण रोकने के लिए एनसीआर में 14 अक्टूबर को ग्रैप का पहला चरण और 19 अक्टूबर को दूसरा चरण लागू किया गया।
एक नवंबर से दिल्ली के बाहर पंजीकृत बीएस-III और निम्न मानक वाले वाणिज्यिक माल वाहनों के राजधानी में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।
एनसीआर में प्रदूषण के कारणों की पहचान कर उसे रोकने के लिए 39 लक्षित कदम उठाए गए हैं।
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