संजय झा  
 
  
 
जागरण संवाददाता, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा विधानसभा चुनाव के लिए 70 से अधिक चुनावी सभाओं में लोगों के मिजाज को भांप चुके हैं।  
 
वह कहते हैं कि लोगों का नीतीश कुमार के प्रति जिस तरह का विश्वास दिख रहा उसे समझ कर यह लगता है कि 2025 का यह विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार की दृष्टि में सबसे बड़ा चुनाव होने जा रहा।  
 
वर्ष 2010 से भी बेहतर स्थिति रहेगी एनडीए के लिए। विपक्ष के लोग लगातार एनडीए के सीएम पद की बात करते हैं। भाजपा के दिग्गज तो यह कह चुके हैं कि बिहार में सीएम पद की कोई वकैंसी नहीं।  
 
मुख्यमंत्री तो नीतीश कुमार हैं ही तो फिर घोषणा की क्या जरूरत? चुनाव से जुड़े कई तरह के सवालों पर संजय झा से बात की विशेष संवाददाता भुवनेश्वर वात्स्यायन ने।  
 
सवाल- नीतीश कुमार के साथ आप लगातार चुनावी सभाओं में घूम रहे, किस तरह का ट्रेंड दिख रहा?   
 
उत्तर- कई जगहों पर नामांकन से लेकर 70 से अधिक चुनावी सभाओं में वह नीतीश कुमार के साथ रहे हैं। इस बार तो कमाल का उत्साह है।  
 
बारिश की वजह से नीतीश कुमार ने हेलीकाप्टर की जगह सड़क मार्ग से दो दिनों में लगभग 700 किमी की यात्रा की। रोड-शो किया और लोगों से बात भी की।  
 
लोगों ने जिस उत्साह के साथ नीतीश कुमार को लिया उसे देखकर यह लगता है कि इस बार का विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के लिए पीक का चुनाव है। लोगों का विश्वास बड़े स्तर पर दिख रहा।  
 
सवाल- चुनावी सभाओं में भीड़ तो आ जाती है पर नीतीश कुमार की सभा में ऐसा क्या है जो खास दिखता है?   
 
उत्तर- चुनावी सभाओं की भीड़ का अनुभव हमें खूब रहा है। पर इस बार नीतीश कुमार की चुनावी सभा में खास यह है कि लोग खुद को उनसे कनेक्ट कर रहे।  
 
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राजनीतिक साख स्पष्ट तौर पर दिख रही। लोगों को यह लगता है कि नीतीश कुमार ने चुनाव के पूर्व जो निर्णय लिए हैं उसे वह पूरा करेंगे।  
 
यह उनकी साख रही है कि वह हवा-हवाई बात नहीं करते। यह भ्रम नहीं होना चाहिए कि वोटर से आप ज्यादा समझदार हैं। जनता सभी बातों को भली-भांति समझती है।  
 
सवाल- नीतीश कुमार विगत दो दशकों से बिहार के मुख्यमंत्री पद पर हैं, क्या उन्हें एंटी इनकंबैंसी फैक्टर प्रभावित नहीं करेगा?  
 
उत्तर- देखिए, नीतीश कुमार की सबसे बड़ी यूएसपी उनके द्वारा किया गया काम और योजनाओं की डिलीवरी है। इसके माध्यम से वह हर वर्ग के लोगों के बीच लगातार रहे हैं। उन्होंने यह तो स्थापित कर ही दिया कि बिहारी कहलाना अब अपमान नहीं सम्मान का विषय है। अगले पांच साल में एक करोड़ लोगों को रोजगार व नौकरी दिए जाने की बात कह रहे। उद्योगों की बात हो रही। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
महिलाओं को दस हजार रुपये रोजगार के लिए दिया गया है। विपक्ष इस बारे में झूठ भी फैला रहा। यह सही है कि लोगों की अपेक्षा अधिक रहती है। पर नीतीश कुमार के लिए यह प्रो-इनकंबैंसी फैक्टर है। लोगों को आज भी यह भरोसा है कि नीतीश कुमार ही उनके लिए जो करना है करेंगे। लोग नीतीश कुमार को आदर के साथ दे्खते हैं।   
 
सवाल- एनडीए के संकल्प पत्र में नीतीश कुमार का विजन कहां है?   
 
उत्तर- एनडीए के संकल्प पत्र में नीतीश कुमार के सभी विजन हैं। दलित, अति-पिछड़ा, महिला, नई तकनीक और आधारभूत संरचना की बातें विशेष रूप से है।   
 
सवाल- इस बार के विधानसभा चुनाव में जदयू को आप कहां देख रहे?   
 
उत्तर- जदयू को इस बार 2020 से बेहतर प्रदर्शन पर हम देख रहे। संख्या पर कोई बात नहीं कर सकते। लोग जदयू के नेता और उनकी नीतियों पर भरोसा करते हैं। अगली सरकार उद्योग व युवाओं के लिए काम करेगी इस बात को लोग समझ रहे।  
 
सवाल- चुनाव में डबल इंजन की सरकार का असर किस हद तक दिखेगा?   
 
उत्तर- इस बार के विधानसभा चुनाव में डबल इंजन की सरकार का असर खूब दिखेगा। दरअसल यह चुनाव अगले पांच साल के लिए सरकार बनाने का नहीं है। इस चुनाव से बिहार के अगले 25 वर्षों का भविष्य तय होगा।  
 
 
सवाल- जदयू ने बड़ी संख्या में अपने पुराने प्रत्याशियों के टिकट काटे हैं, इसका असर तो दिखेगा?  
 
उत्तर- हमने जिन नए प्रत्याशियों को टिकट दिया है उनका प्रोफाइल देखिए। वारिसनगर, इस्लामपुर और चेरिया बरियारपुर के प्रत्याशी काफी पढ़े-लिखे हैं। युवाओं को आगे लाया गया है।  
 
हर चुनाव को ध्यान में रख पार्टी अपना मूल्यांकन करती है। जो फीडबैक मिलता है उसके आधार पर निर्णय लिए जाते हैं। हरेक समाज व वर्ग के लोगों को टिकट दिए गए हैं।  
 
यही नहीं लंबी अवधि से चुनाव लड़ रहे लोगों का भी सम्मान किया गया है। अनुभवी व युवाओं का ब्लेंड है। |