14 महीने बच्चे को टाटा हैरियर कार ने मां के सामने ही कुचल दिया।
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। बादली थाना क्षेत्र के सिरसपुर में शनिवार की शाम मां की गोद से उतरकर घर के बाहर खेल रहे 14 महीने बच्चे को टाटा हैरियर कार ने मां के सामने ही कुचल दिया। जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। मां का आरोप है कि हादसे से पहले उन्होंने कार चालक को रोकने की कोशिश भी की, लेकिन कुछ ही सेकेंड में बच्चे के सिर पर कार चढ़ते ही उसकी मौत हो गई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
घटना के बाद भाग रहे कार चालक को लोगों ने पकड़ लिया। फिर चालक को पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर जहांगीरपुरी स्थित बाबू जगजीवन राम अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद शव स्वजन को सौंप दिया। मृतक मासूम की पहचान रौनक के रूप में हुई है।
बाहरी-उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त हरेश्वर वी स्वामी ने बताया कि समयपुर बादली थाना पुलिस ने इस मामले में संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपित कार चालक को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित की पहचान रोहिणी सेक्टर-18 निवासी समर चौधरी (20) के रूप में हुई है। वह एलएलबी की पढ़ाई कर रहा है। पुलिस ने दुर्घटना में शामिल वाहन जब्त कर लिया है। पुलिस घटनास्थल पर सीसीटीवी फुटेज चेक कर हादसे के कारणों को समझने का प्रयास कर रही है।
जानकारी के मुताबिक मृतक रौनक के पिता मनोज भंडारी अपनी पत्नी पूनम देवी और चार बेटों के साथ राजा विहार स्थित बालाजी नर्सरी, सिरसपुर रोड के पास किराये के मकान में रहते हैं। मूलरूप से बिहार के सीतामढ़ी जिला के भोपूरा गांव के रहने वाले हैं। पूनम ने बताया कि उनके घर के पास ही कार वाशिंग स्टेशन है।
जहां आरोपित चालक कार की धुलाई करवाने आया था। वह बेटे को गोद में लेकर घर के बाहर निकली, तभी बच्चा गोद से नीचे उतरने की जिद करने लगा। जैसे ही उन्होंने बच्चे को गोद से उतारा, वह कुछ दूर आगे ही बढ़ा था। तभी वाशिंग स्टेशन से कार बच्चे की ओर आती दिखी। उन्होंने चालक को रोकने की कोशिश भी की, लेकिन कुछ ही सेकंड में उसने कार बच्चे की सिर पर चढ़ा दी। उनके सामने ही बच्चे ने दम तोड़ दिया।
बड़े बेटे के इलाज के लिए बच्चोें के साथ दिल्ली आई थी पूनम
आंखों के सामने अपने जिगर के टुकड़े की मौत के बाद मां का रो रोकर बुरा हाल है। पूनम ने बताया कि उनके पति बीते तीन वर्षों से दिल्ली में रह रहे हैं। लेकिन वह एक वर्ष पूर्व बच्चों के साथ दिल्ली आई थी। उनका बड़ा बेटा दिव्यांग है। जिसका इलाज एम्स में चल रहा है। काफी बीमार होने के कारण वह अपने गांव नहीं जा पा रही थी। अब अचानक से उनपर गमों का पहाड़ टूट पड़ा। |