जब Dharmendra के स्टारडम के सामने भी नहीं डरे थे Shah Rukh Khan, किंग का जलवा सालों से बरकरार

deltin33 2025-11-1 21:37:49 views 498
  

धर्मेंद्र के सामने शाह रुख ने दिखाया था कॉन्फिडेंट/ फोटो- Instagram



जागरण न्यूजनेटवर्क। शाह रुख खान एक आकर्षक अभिनेता हैं, तब भी जब बहुत लोग उन्हें जानते तक नहीं थे। ऊर्जा से भरा दिल्ली का यह नौजवान टेलीविजन में आया और साल 1988 में शुरू हुए दूरदर्शन के धारावाहिक ‘फौजी’ का चेहरा बन गया। ‘फौजी’ के जूनियर कमांडो से ‘जवान’ के एक्शन हीरो तक उनका सफर सिर्फ फिल्मों का नहीं, सपनों के सच होने की कहानी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
हेमा मालिनी ने पहचाना हुनर

उसी समय हिंदी सिनेमा की सुपरस्टार हेमा मालिनी अभिनय से विराम लेकर निर्देशन की तैयारी कर रही थीं। उन्होंने अपनी फिल्म की कहानी तय कर ली थी, वरिष्ठ कलाकार जितेंद्र, डिंपल कपाड़िया, सोनू वालिया और अमृता सिंह को साइन कर लिया था और दिव्या भारती को नायिका चुना था। वह हीरो के रूप में किसी नए चेहरे की तलाश में थीं। एक दिन टीवी देखते हुए हेमा मालिनी ने ‘फौजी’ में शाह रुख को देखा और उनसे मुंबई में आडिशन के लिए संपर्क करने का आदेश दिया। जब दफ्तर से शाह रुख को फोन गया, तो उन्हें यकीन ही नहीं हुआ, क्योंकि उनके दोस्त अक्सर ऐसे मजाक करते थे।

  

तब हेमा मालिनी की असिस्टेंट ने उन्हें नंबर देकर कहा कि चाहें तो खुद वेरिफाई कर लें। जब शाह रुख को भरोसा हुआ, तो अगले ही दिन वे हेमा मालिनी के जुहू स्थित घर पहुंच गए। हेमा मालिनी चाहती थीं कि धर्मेंद्र भी टेस्ट शूट के दौरान मौजूद रहें। धर्मेंद्र का सुझाव था कि शाह रुख की तस्वीरें अलग-अलग जैकेट में ली जाएं। तस्वीरें उम्मीद जगाने वाली थीं और अब वीडियो टेस्ट का समय था। शाह रुख ने संवाद याद कर लिए और कैमरे के सामने आत्मविश्वास से खड़े थे, लेकिन एक समस्या थी, उनके बिखरे बाल चेहरे पर आ रहे थे, जिससे हेमा मालिनी उनके भाव नहीं देख पा रहीं थीं। मेकअप मैन ने बालों में जेल लगाने का सुझाव दिया। तरकीब काम आई और शाह रुख को ‘दिल आशना है’ के हीरो के रूप में साइन कर लिया गया।
छत पर मिला सितारा

‘दीवाना’, ‘बाजीगर’ और ‘डर’ के बाद शाह रुख रातों-रात सुपरस्टार बन गए। मैं उस समय जी मैगजीन की संपादक थी और उनसे एक कवर स्टोरी के लिए मिलने मुंबई के महबूब स्टूडियो पहुंची। वहां शाह रुख अपने मेकअप रूम में नहीं थे। एक स्टूडियो असिस्टेंट ने हंसते हुए कहा, ‘राख की लकीरों का पीछा कीजिए, वहीं मिलेंगे।’ मैंने वैसा ही किया और उन्हें स्टूडियो की छत पर अकेले सिगरेट पीते पाया। यह मेरी और एक उभरते सितारे की पहली मुलाकात थी। पत्रकार समुदाय उन दिनों शाह रुख की ऊर्जा, हाजिरजवाबी और ताजगी की तारीफें करते नहीं थकता था। मगर ईमानदारी से कहूं तो हमारी पहली मुलाकात बहुत यादगार नहीं रही।

यह भी पढ़ें- मां को अपनी जन्नत मानते हैं Shah Rukh Khan, क्यों हर आदमी देखता है उनमें अपनी सूरत?

हमारी बातचीत वहीं छत पर खत्म हो गई और तय इंटरव्यू कभी हुआ ही नहीं। हम दोनों ने कुछ समय तक एक-दूसरे से दूरी बनाए रखी, लेकिन शो-बिजनेस में न तो दोस्ती बहुत लंबी चलती है और न दुश्मनी। धीरे-धीरे हमारी मुलाकातें सहज होती चली गईं। हम अक्सर पार्टियों, प्रीमियर, शादी, अंतिम संस्कार या ट्रायल शो में टकराते रहते। उनके हावभाव बताते थे कि वे बदल रहे हैं मगर हास्य अब भी था।

  
संवेदनशील शाह रुख

मैंने उन्हें लंबे शूट के बाद भी प्रशंसकों से सहजता से मिलते देखा है। कमरदर्द में भी बिना शिकायत नाचते हुए देखा है। एक बार मैं उनके साथ कार में थी, जब उन्होंने स्टूडियो गेट के बाहर एक गरीब बुजुर्ग औरत को देखा, जो बस उन्हें सलाम कहने आई थी। शाह रुख तुरंत कार से उतरे, उस महिला को गले लगाया और पर्स में जितना था सब दे दिया। उनके प्रशंसक जानते हैं कि वे विवाहित हैं और तीन बच्चों के पिता हैं, फिर भी इससे उनके रोमांटिक किरदारों की लोकप्रियता पर कोई असर नहीं पड़ता, चाहे ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ के राज हों या ‘कुछ कुछ होता है’ और ‘कभी खुशी कभी गम’ के राहुल या फिर ‘पठान’ और ‘जवान’ के एक्शन हीरो, शाह रुख हर रूप में पसंद किए जाते हैं। उनके असफल दौर- ‘फिर भी दिल है हिंदुस्तानी’, ‘अशोका’, ‘जब हैरी मेट सेजल’, ‘जीरो’ में भी उनके प्रशंसक हमेशा उनके साथ खड़े रहे। मीडिया हमेशा उनका समर्थक रहा।
विफलताओं से सीख

शाह रुख हमेशा अपनी विफलताओं पर खुलेपन से बोलते रहे हैं। उनकी पहली प्रोडक्शन ‘ड्रीम्ज अनलिमिटेड’ असफल रही, पर दूसरी कोशिश ‘रेड चिलीज एंटरटेनमेंट’ के जरिए उन्होंने सफलता हासिल की। उनके साथी कलाकार बताते हैं कि वे एक उदार निर्माता हैं, चाहे ‘मैं हूं ना’, ‘ओम शांति ओम’ या ‘पहेली’ ही क्यों न हो। यश चोपड़ा, आदित्य चोपड़ा, करण जौहर, फराह खान, आशुतोष गोवारिकर जैसे निर्देशक उन्हें एक ‘लत’ कहते हैं, जबकि ऐश्वर्या राय, अनुष्का शर्मा, काजोल, करीना कपूर खान, रानी मुखर्जी और दीपिका पादुकोण जैसी अभिनेत्रियां उनके नारी-सम्मान की कसम खाती हैं। शाह रुख अकेले ऐसे अभिनेता हैं, जिन्होंने यह ऐलान किया कि वे अपनी हीरोइनों से कम फीस लेंगे और उन्होंने अपना वादा निभाया।

  
सोचा नहीं था…

बीते दशकों में शाह रुख ने अपने जीवन और करियर में कई तूफान झेले, मगर हमेशा संयम बनाए रखा, जब मैं उन्हें पहली बार मिली थी, तब नहीं सोचा था कि वे इस मुकाम तक पहुंचेंगे। आज वह न सिर्फ सुपरस्टार हैं, बल्कि विनम्रता और दृढ़ता की मिसाल भी हैं और मुझे खुशी है कि उन्होंने मुझे गलत साबित किया।

यह भी पढ़ें- दिल्ली में Shah Rukh Khan के पिता का था इस नाम से रेस्तरां, बॉलीवुड में डेब्यू से पहले \“किंग\“ करते थे ये काम
like (0)
deltin33administrator

Post a reply

loginto write comments
deltin33

He hasn't introduced himself yet.

1210K

Threads

0

Posts

3810K

Credits

administrator

Credits
387260

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com