बस्ती में बेमौसम बारिश: किसानों की फसलें बर्बाद, जनजीवन अस्त-व्यस्त

cy520520 2025-11-1 17:07:00 views 468
  

हवा के साथ वर्षा होने से खेतों में गिरी धान की फसल



जागरण संवााददाता, बस्ती। लगातार हो रही वर्षा ने किसानों के होश उड़ा दिए हैं। हवा के साथ वर्षा होने से जहां खेतों में जगह जगह धान की फसल गिर गई है वहीं खेतों में पहले से काटकर रखी गई फसल पानी में डूबने से खराब हो रही है। वर्षा के चलते दो दिन से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

लोगों को घरों से निकलने में दिक्कत हो रही है। वहीं लगातार हल्की वर्षा के कारण तापमान भी गिर गया है, जिससे लोगों को ठंडक भी महसूस होने लगी है। ऐसे में लोगों ने गर्म कपड़े भी निकालने शुरू कर दिए हैं। शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस तो अधिकतम 27 रहा।  

जिले में बुधवार की रात से हल्की वर्षा हो रही है। लगातार वर्षा होने के कारण लोगों को ठंड के मौसम में वर्षात जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। शुक्रवार को सुबह से लेकर रात तक लगातार हल्की वर्षा होती रही। इसके चलते लोग सड़कों पर कम निकले। कर्मचारी और बच्चे जैसे तैसे स्कूल पहुंचे।

वर्षाकाल समाप्त होने के बाद जिन लोगों ने छाते और रेन कोट आदि पैक कर रख दिए थे, उन्हें फिर यह निकालने पड़े। तमाम कर्मचारी रेन कोट पहनकर अपने कार्यालयों में पहुंचे। वर्षा के चलते जहां खेतों में पानी लग रहा है वहीं काटकर रखी गई फसल बर्बाद हो रही है।

किसान बिना मौसम की इस वर्षा से परेशान हैं। उनका कहना है कि अगर इसी तरह वर्षा होती रही तो खेतों में गिरी धान की फसल खराब हो जाएगी। धान की कटाई भी प्रभावित होगी। वर्षा से बस्ती शहर के मोहल्लों में भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सड़कों पर कीचड़ होने से परेशानी बढ गई है। सबसे अधिक परेशानी उन बच्चों को हो रही है जो पैदल या साइकिल से स्कूल जा रहे हैं।

पहले छुट्टा जानवरों से बचाई फसल अब वर्षा ने कर दिया बर्बाद

परशुरामपुर विकास क्षेत्र में दो दिनों से हो रही वर्षा ने किसानों के अरमानो पर पानी फेर दिया है। क्षेत्र में क़रीब 60 प्रतिशत धान की कटाई हो चुकी है, जिनमें से कुछ ही किसान अपने फसल को घर ला पाए हैं बाकी फसल खेत में पड़ी है। खेतों में काटकर रखी फसल वर्षा होने से खराब हो रही है। जो फसल खड़ी थी उनमें से भी कुछ खेतों गिर गई हैं।

डुहवा पांडेय निवासी किसान राम अजोर वर्मा ने बताया कि वर्षा और हवा के चलते खेत में गिरे और कटी हुई धान की फसल काली पड़ जा रही है। महीनों की मेहनत और पूंजी मिट्टी में मिल गई है।

उन्होंने कहा कि फसल बोआइ के कुछ दिनों बाद से ही छुट्टा जानवरों से बचाने के लिए दिन रात एक किया। उसके बाद खेत में लहलहाती फसल देखकर मन प्रफुल्लित हो रहा था लेकिन बिन मौसम की वर्षा ने सब कुछ बर्बाद कर दिया।
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