जागरण संवाददाता, मेरठ। सामूहिक विवाह योजना में अभी तक कुछ लोग फर्जीवाड़ा कर लाभ ले लेते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब इस विवाह आयोजन में शामिल होने वाले जोड़ों को बायोमैट्रिक पंच मशीन से गुजरना होगा। जब पूरी तरह से सत्यापन हो जाएगा कि यह वहीं जोड़ा है, जिसने ऑनलाइन आवेदन किया था, उसी के बाद विवाह आयोजन में एंट्री दी जाएगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ऐसा इसलिए करना पड़ा, क्योंकि कुछ लोग फर्जीवाड़ा करने के लिए आवेदन कोई और कर देता था और विवाह आयोजन में योजना का लाभ लेने के लिए किसी को भी बैठा दिया जाता था। अब दुल्हा-दुल्हन का अंगूठा तय करेगा कि वह सही है या गलत।
ऐसे होगी जांच, तभी आयोजन में मिलेगी एंट्री
जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि जिस समय पात्र व्यक्ति ऑनलाइन आवेदन करता है तो उसका आधार कार्ड लगता है। आधार कार्ड बनते समय उनका अंगूठे का निशान लिया जाता है। आयोजन के बाहर इस बार बायोमैट्रिक मशीन रखी जाएगी। दुल्हा-दुल्हन आएंगे तो उनके अंगूठे का निशान लिया जाएगा। उनकी पूरी प्रोफाइल कंप्यूटर स्क्रीन पर आ जाएगी। सत्यापन के बाद शादी रस्म पूरी होगी।
इस बार सरकार एक विवाह पर करेगी एक लाख खर्च
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत अभी तक 50 हजार रुपये मिलते थे। अब सरकार ने इसकी राशि बढ़ाकर एक लाख कर दी है। दुल्हन के खाते में 60 हजार रुपये जाएंगे। 25 हजार रुपये का सामान दिया जाएगा। 15 हजार रुपये आयोजन में खर्च किए जाएंगे।
नवंबर माह में है 14 शुभ मुहुर्त
प्रदेश सरकार ने नवंबर माह में ही शुभ मुहुर्त फाइनल किए है। जिनमें दो, तीन, छह, आठ, 12, 13, 16, 17,18,21,22,23,25 और 30 नवंबर तय की है। इन्हीं किसी भी तारीखों में से जल्द ही मेरठ में सामूहिक विवाह आयोजन किया जाएगा। अभी आवेदन किए जा रहे हैं। करीब 85 आवेदन आ चुके है।
कन्या में यह दिया जाएगा सामान
चांदी का एक सामान, ड्राइफ्रूट की एक टोकरी, बर्तन, कुर्सी, मेज, पांच फोटो के साथ एक एलबम आदि सामान दुल्हन को कन्यादान के रूप में दिया जाएगा। जिस दिन शादी होगी, उसी दिन दुल्हन के खाते में 60 हजार रुपये भी ट्रांसफर किए जाएंगे।
इस साल कितना मिला टारगेट
2025-26 में 748 शादियां कराने का टारगेट जिला समाज कल्याण विभाग को मिला है। |