जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। सर्दी की दस्तक होने को है। सर्दी में कोहरा एक बड़ी समस्या होती है। कोहरे की समस्या बड़ी समस्या दृश्यता को लेकर होती है। लेकिन क्या इस समस्या से निपटने लिए यातायात विभाग या सड़क की देखरेख से जुड़ी एजेंसी की कोई तैयारी है। जमीनी हालत पर गौर करें तो कहीं कोई तैयारी नजर नहीं आ रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कोहरे के मौसम में जब दृश्यता न्यूनतम हो, तब आप या वाहन कब किस खंभे या पेड़ से टकरा जाए, इसे कोई नहीं जानता। चलो पेड़ या खंभों को एक जगह से दूसरे जगह स्थानांतरित करने की प्रक्रिया लंबी हो, लेकिन उन पर रिफ्लेक्टर तो लगाए ही जा सकते हैं। या फिर कोई चेतावनी सूचक बोर्ड लगाकर लोगों को चेतावनी तो दी ही जा सकती है कि आगे खतरा है। लेकिन अभी ऐसा कहीं कुछ नजर नहीं आ रहा है।
उपनगरी में सर्विस लेन के बीच हैं बिजली के खंभे
द्वारका कहने को तो योजनाबद्ध तरीके से बसाई गई उपनगरी है लेकिन, जब उपनगरी बसाई जा रही थी, तब कुछ चीजों की अनदेखी कर दी गई। उदाहरण के तौर पर द्वारका सेक्टर-3 में सर्विस लेन पर आप जब चलेंगे तो आपका सामना सड़क के बीच खड़े बिजली के खंभों से होगा। यहां थोड़ी सी भी लापरवाही आपके लिए जानलेवा साबित हो सकती है।
सेक्टर-3 स्थित एनएसयूटी के सामने बनी सर्विस लेन में एक जगह नहीं बल्कि कई जगह बिजली खंभे अधिकांश लेन को घेरे हुए है। रात के समय यह रोशनी का उचित प्रबंध नहीं है, ऐसे में खतरे की संभावना हमेशा यहां बनी रहती है।
द्वारका निवासी पूनम बताती हैं कि सड़कों के बीच में लगे इन खंभों से टक्कर का अंदेशा हमेशा बना रहता है। इन खंभों को सड़क के बीच से अविलंब हटाने की जरूरत है। आलम यह है कि दुर्घटना के समय में आपातकालीन वाहन वहां से नहीं गुजर सकते। विशेषकर रात के समय जब सड़क पर चारो ओर अंधेरा छाया रहता है।
हालत इतने खराब हैं कि इन खंभों पर कोई रिफ्लेक्टर नहीं लगा हुआ है। रात के समय यह खंभे खतरे से खाली नहीं है। रात के समय दूर से आ रहे तेज रफ्तार वाहन चालकों की आंखों से यह खंभा ओझल हो जाता है। जिसके चलते दुर्घटना का खतरा बना रहता है। दिन के उजाले की भी बात करें तो तेज गति से आ रहे वाहनों की रफ्तार इन खंभे की वजह से धीमी पड़ जाती है। इससे जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती हैं।
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नंगली डेयरी के पास भी ऐसा ही हाल
नंगली डेयरी के पास नजफगढ़ मेन रोड पर अभी कतार से बिजली के खंभे नजर आते हैं। ये कब किस वाहन चालक को चपेट में ले लें, यह कोई नहीं जानता। किसी भी खंभे पर कोई रिफ्लेक्टर नहीं लगा है, जिससे वाहन चालक को ये खंभे दूर से नजर आ जाएं।
ट्रांसफार्मर भी घेर रहे जगह
करीब चार दशक पूर्व जब क्षेत्र में घनी आबादी वाली कालोनियां नहीं थी। सड़क किनारे कई जगह ट्रांसफार्मर लगा दिए गए। अब जब इलाके की आबादी बढ़ी, सड़कों पर वाहनों का दबाव बढ़ा तब ये ट्रांसफार्मर यातायात के लिए अवरोधक बन रहे हैं। लोग अब इन्हें हटाने की मांग करते हैं। लेकिन इन्हें हटाकर कहां लगाया जाए, यह सुझाव कोई नहीं दे रहा। इस तरह की समस्या उत्तम नगर, नंदराम पार्क में यह समस्या विशेष तौर पर नजर आती है।
नंगली डेयरी के पास नजफगढ़ मेन रोड पर सड़क के बीच में ही खंभे हैं। अभी आपको इलाके में जगह जगह सड़कों पर ऐसी जगहों पर ट्रांसफार्मर लगे नजर आएंगे, जहां उनके होने से यातायात में काफी व्यवधान होता है। इन्हें हटाकर कहीं अन्यत्र रखा जाना चाहिए। - राकेश कुमार, प्रधान, नंदराम पार्क
द्वारका स्थित एनएसयूटी के सामने सड़क की सर्विस लेन में कतार से कई खंभे लगे हैं। ऐसा उपनगरी की बसावट के समय से ही है। इन्हें क्यों नहीं हटाया जा रहा है, यह समझ से परे हैं। खंभों से गुजर रही तारों को भूमिगत किया जाए ताकि सर्विस लेन पर खंभे की जरूरत नहीं पड़े। - मारीदास, द्वारका |