जागरण संवाददाता, रायबरेली। नायाब तहसीलदार रमा शंकर को फोन पर अधिवक्ता द्वारा धमकी व गाली गलौज का मामला सामने आया है, जिसमें नायाब तहसीलदार का रोने का एक वीडियो सामने आने के खलबली मच गई है। सेंट्रल बार व कलेक्ट्रेट बार ने मामले में तहसील सभागार में एक बैठक कर अधिवक्ता द्वारा माफी मंगवाई गई। इस बैठक से एसडीएम प्रफुल्ल शर्मा व तहसीलदार आकृति श्रीवास्तव का मौजूद न होना चर्चा का विषय बना हुआ है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
जानकारी के मुताबिक नायाब तहसीलदार जमीन के पट्टे के मामले की जांच करने ग्राम सभा बथुआ खास गए थे। उनका कहना है कि इसी दौरान एक अधिवक्ता का फोन आया। वह गंदी-गंदी गाली देते हुए, देख लेने की धमकी देने लगे। मामले में नायाब ने बार के पदाधिकारियों से शिकायत दर्ज कराई।  
 
इसी को लेकर तहसील सभागार में सेंट्रल बार व कलेक्ट्रेट बार के पदाधिकारियों ने बैठक की। पदाधिकारियों के कहने पर आरोपी अधिवक्ता ने सार्वजनिक रूप से नायब तहसीलदार से माफी मांगी। बैठक में एसडीएम प्रफुल्ल शर्मा व तहसीलदार का न मौजूद रहना चर्चा का विषय बना रहा। लोगों का कहना है कि अपने अधीनस्थ के साथ हुई अभद्रता के मामले में दोनों का बैठक में रहना जरूरी था। उनका न रहना एक गलत परंपरा को जन्म दे रहा है।   
  
एक जमीन के मामले की जांच करने नायब तहसीलदार गए हुए थे, किसी अधिवक्ता ने फोन पर उनसे अभद्रता की। बार की बैठक बुलाई, जिसमें अधिवक्ता ने पैर पकड़कर माफी मांगी है। जमीन के मामले में अतिक्रमण हटा दिया गया है, मामले मुवक्किल का 151 में चालान कर उसे जेल भेज दिया गया है। - प्रफुल्ल शर्मा, एसडीएम सदर    |