हसनपुर की बाजी कौन जीतेगा
मुकेश कुमार, समस्तीपुर। हसनपुर विधानसभा सीट की चर्चा जिले में सबसे अधिक है। अभी यहां से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव विधायक हैं। इस बार उन्होंने महुआ सीट से नामांकन किया है। राजद ने इस सीट से राजनीति की नई खिलाड़ी माला पुष्पम को मैदान में उतारा है। उनका मुकाबला दो बार विधायक और पिछली बार रनर रहे जदयू प्रत्याशी राजकुमार राय से है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
माला पुष्पम के पति सुनील कुमार पुष्पम पूर्व विधायक हैं, इस कारण उन्हें पहचान की दिक्कत नहीं है। हालांकि माय (मुस्लिम-यादव) समीकरण की मजबूत स्थिति वाली इस सीट पर कौन जीतेगा, यह साफ नहीं है, क्योंकि दोनों प्रत्याशी यादव हैं और मुकाबला आमने-सामने का है।
बसपा ने भी यादव जाति की उम्मीदवार विभा देवी को मैदान में उतारा है। वो काफी समय तक बिथान प्रखंड की प्रमुख रही हैं। जदयू प्रत्याशी मुख्यमंत्री के विकास कार्य के सहारे लोगों से जुड़ने की कोशिश कर रहे तो माला पुष्पम अपने पति की ओर से उनके कार्यकाल में कराए गए कार्यों के आधार पर वोट मांग रही हैं।
जनसुराज की एंट्री से दिलचस्प हुआ मुकाबला
इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय बनाने के प्रयास में जुटी हैं जनसुराज की प्रत्याशी इंदू गुप्ता। 2015 में जदयू और भाजपा अलग-अलग लड़े थे। तब महागठबंधन की ओर से जदयू के राजकुमार राय ने एनडीए के रालोसपा प्रत्याशी विनोद चौधरी को 29,600 मतों से पराजित किया था।
2010 के चुनाव में जदयू के राजकुमार राय ने राजद प्रत्याशी को 3291 मतों से पराजित किया। इस बार का चुनाव जदयू 2010 और 2020 के समीकरण के आधार पर लड़ रहा है। एक तो तेजप्रताप मैदान में नहीं, दूसरा जीतने के बाद उन्होंने यहां का रुख नहीं किया था।
इसे महागठबंधन के प्रतिद्वंद्वी मुद्दा भी बना रहे। रामचंद्र यादव बताते हैं कि हसनपुर बाजार आज भी जाम की समस्या से निजात नहीं पा सका है। वर्षों से यहां बाइपास की कमी खटक रही है। इस बार तो आरपार की लड़ाई है।
लड़झा घाट निवासी दिनेश कहते हैं, कैसे भूल सकते हैं कि 2008 में नीतीश कुमार ने यहां पुल बनाया। इसके बाद तो कई पुल बने। इस बार वोट विकास के नाम पर ही होगा। चौहान चौक के रामचंद्र मुखिया कहते हैं कि नौकरी तो किसी और के कहने पर मिला। हमारा समाज तो कुछ और ही कह रहा है। |