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शुक्रवार को बंद होंगे रुद्रनाथ धाम के कपाट, गोपीनाथ मंदिर में होगी शीतकालीन पूजा

deltin33 7 day(s) ago views 1128

  

शुक्रवार सुबह पांच बजे रुद्रनाथ जी के कपाट विधि विधान से शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। आर्काइव



संवाद सहयोगी, जागरण गोपेश्वर । रुद्रनाथ धाम के कपाट बंद होने की तैयारियां पूरी कर दी गई है। शुक्रवार सुबह पांच बजे रुद्रनाथ जी के कपाट विधि विधान से शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इससे पूर्व भगवान रुद्रनाथ को मंदार के बुग्याली फूलों में समाधि लेंगे। इस धार्मिक उत्सव में शामिल होने के लिए हकहकूकधारी ,स्थानीय ग्रामीण, श्रद्धालु रुद्रनाथ धाम पहुंच चुके हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

चतुर्थ केदार श्री रुद्रनाथ धाम को लेकर मान्यता है कि यहां पर पांडवों को भगवान शिव ने मुखारबिंद के दर्शन दिए थे। गुफा में रुद्रनाथ भगवान के मुखारबिंद के दर्शन होते हैं। इसे मंदिर का रुप दिया गया है। भारत में यह एक ऐसा मात्र है जहां पर भगवान शिव के मुख के दर्शन होते हैं। रुद्रनाथ धाम की यात्रा अति दुर्गम मानी जाती है। इस वर्ष एक लाख से अधिक यात्री रुद्रनाथ धाम आए हैं जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।

रुद्रनाथ धाम के कपाट बंद होने से पूर्व मंदिर को रंग बिरंगे फूलों से सजाया गया। खास बात यह है कि पुजारी व हकहकूकधारी जंगल से मंदार के सफेद पुष्प लाए जा चुके हैं। शीतकाल में भगवान भोलेनाथ मंदार के पुष्पों से ढककर समाधि दी जाती है। कपाट खुलने पर ये पुष्प सबसे बडे प्रसाद के रुप में भक्तों को वितरित किए जाते हैं। कपाट बंद के बाद रुद्रनाथ जी की उत्सव डोली सूर्यअस्त से पहले सीधे गोपीनाथ मंदिर में पहुंचेगी। जहां शीतकाल में भगवान रुद्रनाथ जी की पूजा अर्चना होगी।

रुद्रनाथ यात्रा गोपेश्वर मुख्यालय से तीन किमी आगे गंगोलगांव,सगर से 19 किमी पैदल दूरी तय कर रुद्रनाथ धाम पहुंचा जाता है। यह अति दुर्गम यात्रा इसलिए भी मानी जाती है क्योंकि सगर, गंगोलगांव से आगे निर्जन पड़ाव हैं। रुद्रनाथ मंदिर के पुजारी सुनील तिवारी ने बताया कि मंदि के कपाट बंद होने की तैयारियां पूर्ण कर दी गई है। कहा कि इस वर्ष एक लाख से अधिक तीर्थयात्री धाम पहुंचे हैं जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
कपाट बंदी का कार्यक्रम

  • तड़के चार बजे मंदिर के कपाट खोलने के साथ पूजा अर्चना कार्यक्रम शुरु होगा।  
  • जिसमें सबसे पहले दैनिक पूजाएं , श्रृंगार पूजा ,दिन की भोग पूजा,सांय की आरती पूजा संपंन्न की जाएगी।
  • पांच बजे शिव को बुग्याली फूल मंदार पुष्प से समाधि दी जाएगी और रुद्रनाथ जी की उत्सव डोली को मंदिर से बाहर लाने के साथ मंदिर के कपाट बंद किए जाएंगे।
  • रुद्रनाथ जी की उत्सव डोली यात्रा रुद्रनाथ धाम से मौली खर्क, सगर गांव में पूजा अर्चना के बाद सूर्यअस्त से पूर्व गोपेश्वर गोपीनाथ मंदिर में विराजमान होगी।
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