आज चुनावी मैदान में उतरेंगी प्रियंका गांधी (PTI)
सुनील राज, पटना। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी बिहार विधानसभा चुनाव की आधिकारिक घोषणा के पूर्व अपनी पहली चुनावी सभा के लिए शुक्रवार को मोतिहारी आ रही हैं। इससे पहले वे प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में महिला संवाद भी करेंगी। प्रियंका गांधी की यह दूसरी बिहार यात्रा है। हालांकि राजनीति सभा पहली होगी। इसके पहले वे राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा में शामिल होने के लिए पहली बार बिहार आई थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कांग्रेस विशेष रणनीति के तहत मोतिहारी से प्रियंका की चुनावी सभा कराने जा रहा है। हालांकि पूर्व में पार्टी की योजना थी कि पूर्णिया से प्रियंका बिहार में अपनी राजनीतिक रैलियों की शुरुआत करें। हालांकि बाद में कार्यक्रम में थोड़े बदलाव किए गए और मोतिहारी का चुनाव पहली सभा के लिए किया गया।
मोतिहारी (पूर्वी चंपारण) बिहार का वह इलाका है, जहां से देश के स्वतंत्रता आंदोलन को बड़ी ताकत मिली थी। गांधीजी का सत्याग्रह भी यहीं से शुरू हुआ था। कांग्रेस इस प्रतीकात्मक इतिहास का सहारा लेकर अपने अभियान को नैतिक और राजनीतिक वैधता देना चाहती है।
चंपारण और आसपास के जिलों में यादव, कुर्मी, दलित और मुसलमानों की संख्या अच्छी-खासी है। ये समूह महागठबंधन की राजनीति में अहम हैं। प्रियंका गांधी की सभा के जरिए कांग्रेस इन जातीय समूहों को साधने की कोशिश करेगी, ताकि गठबंधन के भीतर अपनी हिस्सेदारी मजबूत की जा सके।patna-city-politics,Patna City news, Anant Singh acquittal, Beur Jail raid, Patna court decision, MLA court verdict, Lack of evidence, AK-47 case, Bihar politics news, Patna crime news, Former MLA acquitted,Bihar news
मोतिहारी का इलाका लंबे समय से भाजपा-जेडीयू के प्रभाव वाला क्षेत्र माना जाता है। हालांकि किसी दौर में यह क्षेत्र कांग्रेस और वामपंथियों का किला कहा जाता था। प्रियंका यहां से चुनावी शुरुआत कर सीधा संदेश देना चाहती हैं कि कांग्रेस आज के भाजपा के सबसे मजबूत किलों को भी चुनौती देने में पीछे नहीं है।
मोतिहारी के गांधी मैदान में दोपहर तीन बजे से प्रियंका गांधी पहली चुनावी सभा करेंगी। इससे पहले उनका पटना के सदाकत आश्रम में महिलाओं से संवाद का एक कार्यक्रम भी सुनिश्चित किया गया है। आज सभी दल महिलाओं को अपने पाले में करने के लिए नाना प्रकार की घोषणाएं कर रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस खुद को पीछे नहीं रखना चाहती है। प्रियंका गांधी की छवि महिला नेतृत्व वाली है।
महिला संवाद के जरिये वे महिलाओं और युवाओं को संदेश देना चाहती हैं कि कांग्रेस महिलाओं की भागीदारी और सशक्तिकरण को गंभीरता से ले रही है।
अब तक बिहार की राजनीति में कांग्रेस को छोटे साझेदार के रूप में देखा जाता रहा है, परंतु प्रियंका गांधी को मैदान मे उतार कर कांग्रेस ने इशारा कर दिया है कि पार्टी खुद को सिर्फ सहयोगी दल की भूमिका तक सीमित नहीं रखेगी, बल्कि अपना स्वतंत्र जनाधार भी बनाएगी।
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