LHC0088                                        • 2025-10-23 18:07:34                                                                                        •                views 1140                    
                                                                    
  
                                
 
  
 
    
 
वर्षों से चली आ रही प्रक्रिया के तहत शीतकाल में धाम में रहने की अनुमति। जागरण फाइल  
 
  
 
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। शीतकाल में जब बर्फबारी के बाद गंगोत्री धाम का संपर्क देश-विदेश से कट जाएगा। तब भी यहां 60 साधु-संत साधना में लीन रहेंगे। कई सालों से चली आ रही प्रक्रिया के तहत साधु-संतों ने जिला प्रशासन से धाम में शीतकालीन प्रवास की अनुमति मांगी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
बता दें कि यह पहली बार नहीं है, जब शीतकाल में धाम में साधना करने के लिए साधु-संतों की ओर से प्रशासन से अनुमति मांगी गयी है। पिछले कई सालों से जब शीतकाल के लिए गंगोत्री धाम के कपाट बंद कर दिए जाते हैं तो गंगोत्री धाम में तप व साधना के लिए साधु-संत प्रशासन से अनुमति मांगते हैं। यह साधु संत गंगोत्री से लेकर तपोवन तक साधना करते हैं, जो कि शीतकाल के तीन माह जब गंगोत्री धाम कई फीट बर्फ से ढक जाता है, तब भी गुफा व कुटिया आदि में कैद रहकर आध्यात्मिक साधना में लीन रहते हैं।  
 
हालांकि पुलिस विभाग के मुताबिक धाम में शीतकाल में प्रवास की अनुमति मांगने वाले साधु-संतों की संख्या अभी बढ़ सकती है। अभी ऐसा चाहने वाले साधु-संतों की पहली सूची ही गंगोत्री पुलिस चौकी को प्राप्त हुई है। बताया जाता है कि धाम में साधना करने वाले कई साधु-संत सन्यास से पूर्व अच्छे पदों जैसे की सुप्रीम कोर्ट के वकील से लेकर मल्टीनेशनल कंपनियों में विभिन्न पदों सेवाएं दे चुके हैं। लेकिन सांसारिक मोह-माया से विरक्ति के बाद आध्यात्मिक शांति के लिए यहां पहुंचकर साधना में लीन रहते हैं।  
पुलिस के पांच जवान व चार चौकीदारों के भरोसे शीतकाल में धाम की सुरक्षा  
 
शीतकाल में गंगोत्री धाम की सुरक्षा के मध्येनजर पुलिस की ओर से एक गार्द तैनात रहेगी। इस गार्द में एक एएसआइ या एसआइ रैंक के पुलिस कर्मी के साथ चार हथियार बंद जवान रहेंगे। इसके अलावा गंगोत्री मंदिर समिति की ओर से हर बार की तरह चार चौकीदारों को तैनात किया गया है।समिति के अध्यक्ष धर्मानंद सेमवाल ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि समिति की ओर से तैनात होने वाले चौकीदारों के लिए रसद आपूर्ति पहले ही समिति की ओर से कर दी जाती है। |   
                
                                                    
                                                                
        
 
    
                                     
 
 
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