LHC0088 • 2025-10-18 14:07:01 • views 1289
जागरण संवाददाता, अयोध्या। चर्चित भदरसा सामूहिक दुष्कर्म कांड में करीब एक साल से जेल में निरुद्ध सपा नेता माेईद अहमद की जमानत अर्जी इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ से स्वीकार किए जाने के बावजूद उसकी जेल से रिहाई नहीं हो सकेगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
गैंगस्टर मामले में उसकी जमानत अर्जी अभी उच्च न्यायालय में ही विचाराधीन है। घटना के मुख्य आरोपित राजू खान की जमानत अर्जी भी लंबित है। उधर शुक्रवार को जिला न्यायालय में आरोपित पक्ष की ओर से पीड़िता का कलमबंद बयान दर्ज करने वाले मजिस्ट्रेट को तलब करने की अर्जी विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट प्रथम निरुपमा विक्रम ने निरस्त कर दी।
विशेष लोक अभियोजक विनोद उपाध्याय ने बताया कि मजिस्ट्रेट को न्यायालय में तलब करने की अर्जी का प्रबल विरोध अभियोजन पक्ष ने किया था। पीड़िता का दो बार कलमबंद बयान दर्ज किया गया था, जो एक ही मजिस्ट्रेट ने दर्ज किया था।
कलमबंद बयान के आधार पर मुख्य आरोपित राजू खान व सपा नेता मोईद अहमद की गिरफ्तारी की गई थी। डीएनए सैंपल की जांच में मोईद अहमद के सैंपल की मिलान की पुष्टि नहीं हुई थी, जबकि मुख्य आरोपित राजू के बारे में पुष्टि हो चुकी है।
इस मुकदमे में अभियोजन पक्ष का साक्ष्य समाप्त हो चुका है। न्यायालय ने आरोपित पक्ष को अपने बचाव में साक्ष्य प्रस्तुत करने का मौका दिया है। इसी के अंतर्गत कलमबंद बयान दर्ज करने वाले मजिस्ट्रेट की तलबी की अर्जी दी गई थी। मामले की अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को की जाएगी। |
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