जागरण संवाददाता, मछलीशहर (जौनपुर)। कार्तिक मास कृष्ण पक्ष अमावस्या को लक्ष्मी पूजन का महापर्व दीपावली मनाया जाता है। इस वर्ष इस पावन पर्व का सुखद संयोग 20 अक्टूबर सोमवार को प्राप्त होगा। ज्योतिष व तंत्र आचार्य डा.. शैलेश मोदनवाल बताते हैं कि इस दिन दिन में 2.32 के बाद अमावस्या तिथि लग रही है जो 21 अक्टूबर की शाम 4.26 तक रहेगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
प्रदोष रात्रि व्यापिनी अमावस्या मिलने के कारण 20 अक्टूबर को ही दीपावली मनाई जाएगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस वर्ष दीपावली पर कई बड़े राजयोगों का निर्माण हो रहा है। दीवाली के दिन देवताओं के गुरु बृहस्पति कर्क राशि में विराजमान रहेंगे, जिसे हंस राजयोग से लेकर केंद्र त्रिकोण राजयोग, गौर-शंकर का निर्माण करेंगे।  
 
इसके साथ ही चंद्रमा कन्या राशि में शुक्र के साथ युति करेंगे, जिससे वैभव लक्ष्मी राजयोग बनेगा। इसके साथ ही तुला राशि में सूर्य, मंगल और बुध विराजमान होंगे, जिससे त्रिग्रही से लेकर बुधादित्य राजयोग का निर्माण होगा। इसके अलावा गुरु और कन्या राशि में शुक्र के संयोग से कुबेर योग बनेगा।  
 
इसके अलावा शनि मीन राशि में वक्री अवस्था में विराजमान होंगे। इसके साथ ही शनि गुरु की राशि में होने के साथ पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में होंगे, जिससे गुरु का काफी अच्छा असर देखने को मिलने वाला है। पंडित मुरारी श्याम पांडेय व्यास बताते है कि इस दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए भांति-भांति के पत्र पुष्प व मिष्ठान का भोग लगाया जाता है।  
 
अक्षत, कुमकुम, सिंदूर, दूर्वा, कमल व गुलाब के पुष्प सुगंधित इत्र समीपत्र मां को विशेष प्रिय हैं। इसके अलावा दूध से बने मिष्ठान व खीर का भोग लगाना विशेष लाभदायी होगा । खीर से हवन करें तथा लक्ष्मी स्तोत्र, लक्ष्मी चालीसा, श्री सूक्त व कनकधारा का पाठ विशेष लाभदायी होगा।  
लक्ष्मी पूजन मुहूर्त  
 
व्यापारिक प्रतिष्ठानों के लिए स्थिर कुंभ लग्न - दिन में 2.13 से 3.44 तक, वृष लग्न - रात्रि 6.51 से 8.48 तक, सिंह लग्न- रात्रि 1.19 से 3.33 तक |