चंपई सोरेन।
राज्य ब्यूरो, रांची। घाटशिला विधानसभा उपचुनाव के लिए पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन को प्रत्याशी बनाकर भाजपा ने उनकी अहमियत बनाए रखी है। पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले चंपई सोरेन झामुमो छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे।उस समय भी भाजपा ने घाटशिला से उनके बेटे को टिकट दिया था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
चंपई सोरेन अपनी सीट तो बचा गए, लेकिन बेटे को जीत नहीं दिला सके। चुनाव में भाजपा को विपक्ष में जाने का जनादेश मिला तो चंपई सोरेन ने आदिवासी राजनीति में भाजपा की वैचारिक लाइन को मजबूत करने का काम प्रारंभ कर दिया। साहिबगंज से लेकर चाईबासा तक पिछले सालभर में चंपई सोरेन आदिवासी समाज के सामने बांग्लादेशी घुसपैठियों के कब्जे से होने वाले खतरे की बात लगातार उठा रहे हैं।
कोल्हान में भी दूसरे पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा को भी भाजपा ने लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ाया था। दोनों ही चुनाव में मिली हार के बाद कोड़ा दंपति सामान्य राजनीतिक गतिविधि में शामिल हो रहे हैं, लेकिन चंपई सोरेन भाजपा की लाइन पर सक्रियता से काम कर रहे हैं। यही वजह है कि घाटशिला से सालों पुराने कैडर की जगह भाजपा ने दोबारा उनके पुत्र को टिकट देने में दरियादिली दिखाई।
परिवार के सदस्यों को टिकट देने में उदार हो रही भाजपा
भारतीय जनता पार्टी नो कोल्हान में पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा को भी विधानसभा का टिकट दिया था। हालांकि उन्हें जीत नहीं मिल सकी। इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की बहू पूर्णिमा साहू को पार्टी ने टिकट दिया।
पहली बार चुनाव में उतरी पूर्णिमा ने पार्टी को वहां से जीत दिलाई। मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने के बाद दो बार चुनाव लड़ चुकी हैं। अभी भाजपा में उन्हें प्रदेश प्रवक्ता का दायित्व मिला है, जबकि मधु कोड़ा को घाटशिला उपचुनाव के लिए पार्टी ने स्टार प्रचारक बनाया है। |