deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

खेसारी लाल यादव की पत्नी का छपरा सीट पर सियासी डेब्यू, सारण में तीन महिला उम्मीदवारों का RJD का टिकट

LHC0088 2025-10-16 18:43:02 views 534

  

RJD ने तीन तो BJP ने एक महिला प्रत्याशी पर जताया भरोसा



प्रवीण, छपरा। सारण की राजनीति इस बार एक नए और दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गई है। विधानसभा चुनाव में पहली बार यहां इतनी बड़ी संख्या में महिला प्रत्याशी मैदान में हैं। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने जिले की तीन सीटों पर महिलाओं पर दांव खेला है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी एक महिला उम्मीदवार को टिकट देकर मुकाबले को और रोचक बना दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

जिले की 10 विधानसभा सीटों में से चार पर प्रमुख राजनीतिक दलों द्वारा महिला प्रत्याशियों को उतारा जाना अपने आप में चर्चा का विषय बन गया है। यह पहली बार है जब सारण में महिला उम्मीदवारों की भागीदारी इस स्तर पर देखने को मिल रही है।  
खेसारी लाल यादव की पत्नी चंदा देवी को प्रत्याशी बनाया

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह बदलाव न केवल महिला सशक्तिकरण का संकेत है, बल्कि यह बताता है कि अब राजनीति के क्षेत्र में महिलाएं मजबूती से अपनी जगह बना रही हैं।

राजद ने इस बार बनियापुर से चांदनी सिंह, परसा से करिश्मा राय और छपरा से भोजपुरी कलाकार खेसारी लाल यादव की पत्नी चंदा देवी को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने छपरा सीट से पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष छोटी कुमारी पर भरोसा जताया है।  
राखी गुप्ता निर्दलीय उम्मीदवार

इस तरह छपरा विधानसभा में राजद और भाजपा की महिला प्रत्याशी आमने-सामने होंगी। यही नहीं, इसी सीट पर भाजपा की बागी नेता राखी गुप्ता ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन कर मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया है।

छपरा की इस जंग को लेकर इंटरनेट मीडिया पर भी खूब चर्चाएं हो रही हैं। लोग इसे ‘महिला शक्ति के चुनावी उदय’ के रूप में देख रहे हैं। अब तक राजनीति में पुरुषों का वर्चस्व रहने के बावजूद इस बार महिलाओं की बढ़ती मौजूदगी ने चुनावी माहौल को नई दिशा दी है।
कई सीटों पर महिला उम्मीदवारों को टिकट

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह सारण की राजनीति में एक सकारात्मक और ऐतिहासिक बदलाव है। 2010 के परिसीमन के बाद यह पहला मौका है जब जिले की कई सीटों पर महिला उम्मीदवारों को प्रमुख दलों ने टिकट दिया है।  

अब तक महिलाओं को अक्सर हाशिए पर रखा गया था, लेकिन इस बार उन्हें बराबरी का अवसर मिला है। स्थानीय लोगों का भी मानना है कि महिलाओं का बढ़ता राजनीतिक प्रतिनिधित्व समाज में समानता और सशक्तिकरण का प्रतीक है।  

वे कह रहे हैं कि जब महिलाएं शिक्षा, प्रशासन, खेल और अन्य क्षेत्रों में अपनी पहचान बना चुकी हैं, तो राजनीति में भी उनकी भूमिका अहम होनी चाहिए।

महिला उम्मीदवारों के चुनाव मैदान में उतरने से मतदाताओं के बीच भी उत्सुकता बढ़ गई है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या मतदाता इस नए परिवर्तन को स्वीकार करते हुए महिलाओं को सत्ता की कुर्सी तक पहुंचाने का मौका देंगे।  

चुनाव परिणाम चाहे जो भी हो, इतना तय है कि इस बार महिलाओं की भागीदारी ने जिले की सियासत में नई ऊर्जा और नई सोच का संचार कर दिया है।
like (0)
LHC0088Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

LHC0088

He hasn't introduced himself yet.

210K

Threads

0

Posts

610K

Credits

Forum Veteran

Credits
68527