deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

किलर कफ सीरप: 29 बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार कौन? दवाओं की गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल, CDSCO की रिपोर्ट में कई खुलासे

LHC0088 2025-10-13 04:07:14 views 1244

  

सीडीएससीओ ने उजागर की बड़ी खाई।  



नीलू रंजन, नई दिल्ली। मध्यप्रदेश, राजस्थान में लगभग 29 बच्चों की मौत पर केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की रिपोर्ट ने पूरे देश में दवाओं की गुणवत्ता की निगरानी की बड़ी खाई उजागर कर दी है। खुद सीडीएससीओ ने स्वीकार है कि कोल्ड्रिफ कफ सीरप और उसे बनाने वाली कंपनी स्त्रेसन फार्मा के बारे में उसे कोई जानकारी ही नहीं थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

नियम के मुताबिक सभी दवा निर्माताओं को अपने उत्पाद के बारे में सुगम पोर्टल पर जानकारी देना जरूरी है। लेकिन कोल्ड्रिफ के बारे में सुगम पोर्टल पर कोई जानकारी नहीं दी गई। ऐसे में यह सवाल खड़ा हो गया है कि और ऐसी कितनी दवाएं बाजार में बिक रही हैं जिसका लाइसेंस तो राज्य सरकारों ने दे दिया है लेकिन जानकारी सीडीएससीओ को नहीं दी गई है। जाहिर है देश में दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत निगरानी तंत्र की जरूरत है।
जानकारी भरने के लिए राज्यों को भेजा गया गूगल फॉर्म

रिपोर्ट के अनुसार 2011 में तमिलनाडु की खाद्य व औषधि विभाग से लाइसेंस लेकर कोल्ड्रिफ बनाने वाली कांचीपुरम की स्त्रेसन फार्मा के बारे में सीडीएससीओ को कोई जानकारी नहीं दी गई थी। 14 सालों के दौरान सीडीएससीओ ने एक बार भी इस कंपनी का ऑडिट नहीं किया और उसके डाटाबेस में इस कंपनी का जिक्र तक नहीं है। दवा निर्माता कंपनियों पर बेहतर निगरानी के लिए सीडीएससीओ ने अक्टूबर 2023 में सभी राज्यों को पत्र भेजकर अपने-अपने यहां चलने वाली सभी इकाइयों की जानकारी देने को कहा। इसके लिए राज्यों को गूगल फॉर्म डिजाइन करके भी भेजा गया।
तमिलनाडु सरकार ने केंद्र पर जिम्मेदारी डालने की कोशिश की

सीडीएससीओ के अनुसार उसके बाद सभी बैठकों में राज्यों को इसकी याद दिलाई गई। फिर भी स्त्रेसन फार्मा के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। ध्यान रहे कि हाल के विवाद के बाद तमिलनाडु सरकार की ओर से केंद्र पर जिम्मेदारी डालने की कोशिश हुई थी। कोल्ड्रिफ सीरप से बच्चों की मौत के बाद के घटनाक्रम के बारे में सीडीएससीओ ने चौंकाने वाले खुलासे किये।
सीडीएससीओ ने किए कई चौंकाने वाले खुलासे

मध्यप्रदेश के अनुरोध पर तमिलनाडु में स्त्रेसन फार्मा की जांच हुई और कोल्डि्रफ सीरप में 48.6 फीसद डीईजी होने की पुष्टि हुई, जबकि मानक के अनुसार यह 0.1 फीसद से कम होना चाहिए था। लेकिन सीडीएससीओ को जानकारी देने की जरूरत नहीं समझी गई। उसे इसकी जानकारी अखबारों से मिली। चार अक्टूबर को सीडीएससीओ ने स्त्रेसन फार्मा का लाइसेंस निरस्त करने के लिए तमिलनाडु खाद्य व औषधि विभाग को पत्र लिखा, लेकिन अभी लाइसेंस निरस्त किये जाने की जानकारी अभी तक नहीं मिली है।

सीडीएससीओ ने 28 दिसंबर 2023 को सभी दवा निर्माताओं को संशोधित शेड्यूल एम को अपनाने का निर्देश जारी किया था। शेड्यूल एम दवा कंपनियों में गुणवत्ता पूर्ण निर्माण सुनिश्चित करता रहा है, जिसे जीएमपी यानी गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस भी कहा जाता है। लेकिन स्त्रेसन फार्मा ने न तो शेड्यूल एम के लिए और न ही डब्ल्यूएचओ के जीएमपी के लिए आवेदन किया।

जाहिर है तमिलनाडु में नियम की धज्जियां उड़ाकर बनाई जा रही कोल्डि्रफ मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान समेत कई राज्यों में बिकती रही और उसे देखने की जिम्मेदारी किसी के पास नहीं थी। सीडीएससीओ यह बताने की स्थिति में नहीं है कि कफ सीरप समेत और कितनी कम गुणवत्ता वाली या जहरीली दवाइयां बाजार में बिक रही है।

140 करोड़ के देश में हर महीने चंद सैंपल की जांच से दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित नहीं किया जा सकता। यह बात सीडीएससीओ के अधिकारी भी जानते हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पूरे देश में दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत निगरानी तंत्र खड़ा करना जरूरी है। लेकिन सिर्फ सतही उपाय किए जा रहे हैं।

यह भी पढ़ें: अनियमितताओं के बावजूद चल रही थी कंपनी, गंदगी में हो रहा था कफ सीरप का प्रोडक्शन; कई बड़े खुलासे
like (0)
LHC0088Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

LHC0088

He hasn't introduced himself yet.

210K

Threads

0

Posts

610K

Credits

Forum Veteran

Credits
67433