महर्षि वाल्मीकि न होते तो भगवान श्रीराम के व्यक्तित्व व कृतित्व को गहराई से नहीं जान पाते लोग : सीएम  
 
  
 
  
 
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। महर्षि वाल्मीकि जयंती पर मंगलवार को त्रिलोकपुरी क्षेत्र में वाल्मीकि दलित महापंचायत आयोजित की गई। इसमें दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता व पूर्वी जिला विकास समिति के चेयरमैन रविकांत मुख्य रूप से मौजूद रहे। महापंचायत में महर्षि वाल्मीकि के जीवन व शिक्षा पर चर्चा हुई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि न होते तो लोग कभी प्रभु श्रीराम के व्यक्तित्व व कृतित्व को गहराई से जान नहीं पाते। रामायण के माध्यम से संदेश दिया है कि समाज की सच्ची शक्ति करुणा, समानता और श्रम की गरिमा में निहित है।  
 
  
 
प्रभु श्रीराम ने समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने का संदेश दिया, चाहे वह केवट, निषादराज हों या फिर शबरी और वानर सेना। यह सोच इस बात को दर्शाती है कि धर्म और विकास का मार्ग तभी सफल होता है, जब समाज का हर वर्ग समान अवसर के साथ आगे बढ़े।  
 
महर्षि वाल्मीकि जी का जीवन इस बात का प्रतीक है कि मानवता का सर्वोच्च रूप समरसता व सेवा है। उनकी जीवनगाथा समाज को यह सिखाती है कि साधना व आत्मज्ञान से कोई भी व्यक्ति अपने जीवन का रूपांतरण कर सकता है। उनका जीवन तपस्या के साथ ही समाज में ज्ञान, न्याय और समरसता के प्रसार का प्रतीक है।  
 
  
 
रामायण के माध्यम से न केवल धर्म, नीति और आदर्श जीवन का मार्ग प्रशस्त किया, बल्कि यह भी बताया कि सच्चा धर्म करुणा, सत्य और सेवा में निहित है। सीएम ने दावा किया कि दिल्ली में ऐसी सरकार है जो सभी को साथ लेकर चल रही है।  
 
राजधानी को विकसित करने के लिए सरकार हर आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराएगी। समाज एक गाड़ी की तरह है। जब उसके सभी पहियों में समान संतुलन रहेगा, तभी वह गति पकड़ेगी। दिल्ली में हर नागरिक को स्वास्थ्य, शिक्षा व रोजगार के समान अवसर मिलें।  
 
  
 
यह भी पढ़ें- दिल्ली में बनेगी \“कश्मीरी अकादमी\“, विस्थापित कश्मीरी हिंदुओं की संस्कृति और विरासत को मिलेगा नया मंच |