तरैया में एनडीए बनाम महागठबंधन की सियासी जंग, कार्यकर्ताओं में बढ़ी खींचातानी  
 
  
 
  
 
राणा प्रताप सिंह, तरैया (सारण)। सारण जिले की 116 नंबर तरैया विधानसभा सीट एक बार फिर राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र बन गई है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के साथ ही यहां का सियासी पारा तेजी से चढ़ने लगा है। एनडीए और महागठबंधन दोनों ही खेमों में रणनीति, जोड़-तोड़ और टिकट बंटवारे को लेकर खींचातानी तेज हो गई है। गांव-गांव में बैठकों का दौर जारी है, वहीं इंटरनेट मीडिया पर भी समर्थक अपने-अपने उम्मीदवारों के समर्थन में माहौल बना रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
  
 
  
2015 में महागठबंधन का पलड़ा भारी  
 
2015 के विधानसभा चुनाव में तरैया सीट पर महागठबंधन ने कब्जा जमाया था। उस समय राजद के उम्मीदवार मुद्रिका प्रसाद राय ने भाजपा के जनक सिंह को 20,440 वोटों से पराजित किया था। राजद को 47.88% वोट मिले थे जबकि भाजपा को 33.70% वोट मिले। यादव, मुस्लिम और अति पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं का एकजुट समर्थन महागठबंधन को बड़ी जीत दिलाने में निर्णायक साबित हुआ था।  
 
  
 
  
 
  
2020 में एनडीए ने पलटा समीकरण  
 
पांच साल बाद, यानी 2020 के विधानसभा चुनाव में तरैया का समीकरण पूरी तरह बदल गया। इस बार एनडीए उम्मीदवार जनक सिंह ने राजद के सिपाही लाल महतो को 11,307 वोटों से हराकर सीट पर कब्जा कर लिया। जनक सिंह को 55.9% वोट, जबकि राजद को 44.1% वोट मिले।  
 
इस चुनाव में सवर्ण और पिछड़ा वर्ग के वोट एनडीए के पक्ष में चले गए, वहीं महागठबंधन के भीतर उम्मीदवार चयन को लेकर मचे विवाद ने हार-जीत का अंतर तय कर दिया।  
 
  
 
  
2025 की तैयारी: अंदरूनी खींचतान चरम पर  
 
अब जब 2025 के चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं, तो दोनों खेमों में खेमेबाजी और असंतोष खुलकर सामने आ गया है। एनडीए के भीतर कई पुराने कार्यकर्ता टिकट वितरण को लेकर नाराज बताए जा रहे हैं। वहीं महागठबंधन में भी एकजुटता की कमी दिखाई दे रही है।  
 
राजद से पूर्व विधायक मुद्रिका प्रसाद राय, शैलेंद्र प्रताप सिंह, कांग्रेस से धनवीर कुमार सिंह विक्कु, और वीआईपी से संतोष महतो अपनी-अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं।  
 
  
 
दूसरी ओर, एनडीए से मौजूदा विधायक जनक सिंह पुनः दावेदारी मजबूत बनाए हुए हैं, जबकि प्रियंका सिंह और ओम प्रकाश सिंह के नाम भी चर्चा में हैं।  
 
जन सुराज पार्टी से भी कुछ नए चेहरे मैदान में उतरने की तैयारी में हैं, जिससे मुकाबला और दिलचस्प होता जा रहा है। हालांकि, अब तक किसी भी दल ने आधिकारिक रूप से उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर तेज है कि अंतिम निर्णय सभी दलों के लिए समीकरण साधने की बड़ी चुनौती साबित होगा।  
 
  
 
यह भी पढ़ें- Bihar Politics: विधायकों को अब सताने लगा बेटिकट होने का डर, समर्थकों के साथ पटना में डाला डेरा |