deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

Bihar Assembly election 2025: कितने सीटों पर लड़ेगा झामुमो, आज होगा फैसला

deltin33 2025-10-7 21:12:58 views 673

  कितने सीटों पर लड़ेगा झामुमो, पटना ती बैठक में आज हो जाएगा तय। फाइल फोटो





राज्य ब्यूरो, रांची। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की सक्रियता तेज हो गई है। मंगलवार सात अक्टूबर को पटना में गठबंधन की महत्वपूर्ण बैठक हो रही है।

यहां सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला होने की उम्मीद है। झामुमो ने बिहार के सीमावर्ती आदिवासी बहुल जिलों में अपनी मजबूत पकड़ का हवाला देते हुए कम से कम 12 सीटों पर दावेदारी की है।

पार्टी का मानना है कि इन क्षेत्रों में उसका जनाधार मजबूत है, जो गठबंधन की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। बैठक में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव के साथ चर्चा होगी।


महागठबंधन में सम्मानजनक तालमेल पर जोर

महागठबंधन में सम्मानजनक तालमेल पर जोर दिया जाएगा।  झामुमो अध्यक्ष एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पार्टी महासचिव विनोद पांडेय और राज्य सरकार में मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू को पटना बैठक के लिए अधिकृत किया है। दोनों नेता राजद के साथ सीधी बातचीत करेंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

विनोद पांडेय ने कहा कि सीमावर्ती जिलों में हमारा संगठन मजबूत है। हम गठबंधन धर्म निभाते हुए भी अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित करना चाहते हैं।



बैठक में झामुमो की मांगों को स्पष्ट रूप से रखा जाएगा, ताकि कोई विवाद न बचे। यह बैठक झामुमो के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि पार्टी बिहार में अपनी उपस्थिति बढ़ाना चाहती है।
सीटों की हिस्सेदारी पर फोकस

बैठक का मुख्य एजेंडा सीटों का बंटवारा होगा। झामुमो ने 12 से 15 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का प्रस्ताव रखा है, जिसमें तारापुर, कटोरिया, मनिहारी, झाझा, बांका, ठाकुरगंज, रूपौली, रामपुर, बनमनखी, जमालपुर, पीरपैंती और चकाई जैसी विधानसभाएं शामिल हैं।



ये सभी झारखंड से सटे आदिवासी बहुल इलाके हैं। राजद से सम्मानजनक तालमेल की अपेक्षा है, क्योंकि पिछले झारखंड चुनाव में झामुमो ने राजद को सात सीटें दी थीं, जिनमें से चार पर राजद को जीत मिली थी। झामुमो की रणनीति स्पष्ट है - आदिवासी बहुल सीमावर्ती क्षेत्रों पर कब्जा जमाना।

पार्टी का तर्क है कि इन इलाकों में आदिवासी मुद्दों पर झामुमो की पकड़ मजबूत है, जो गठबंधन की समग्र रणनीति को मजबूत करेगी।



महासचिव विनोद पांडेय ने कहा कि हम गठबंधन में योगदान देंगे, लेकिन अपनी पहचान भी बनाए रखेंगे। झामुमो के बिहार में कार्यकर्ता भी उत्साहित हैं और प्रचार की तैयारी में जुटे हैं।
like (0)
deltin33administrator

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

deltin33

He hasn't introduced himself yet.

210K

Threads

0

Posts

710K

Credits

administrator

Credits
70059