जेपीएससी में कापियों के मूल्यांकन को लेकर दाखिल याचिका पर 10 नवंबर को सुनवाई  
 
  
 
  
 
राज्य ब्यूरो, रांची।  झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में जेपीएससी की मुख्य परीक्षा में भाषा आधारित विषय की कापियों के मूल्यांकन खिलाफ अपील याचिका पर सुनवाई हुई।  
 
मामले में विस्तृत सुनवाई के लिए 10 नवंबर की तिथि निर्धारित की गई है। प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता कुमार हर्ष ने अदालत को बताया कि जेपीएससी ने स्वयं यह नियम बनाया था कि भाषा विषय की कापियों का मूल्यांकन केवल उन्हीं शिक्षकों द्वारा किया जाएगा, जिनके पास कम से कम 10 वर्ष का शिक्षण अनुभव हो। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
  
 
जबकि वैकल्पिक विषयों के लिए पांच वर्ष का अनुभव अनिवार्य है। इसके बावजूद आयोग ने अपने ही नियमों की अनदेखी करते हुए घंटी आधारित शिक्षकों से कापियों का मूल्यांकन कराया। जिसका शिक्षण अनुभव मात्र एक से डेढ़ वर्ष का है।  
 
यह प्रक्रिया पूरी तरह नियम विरुद्ध है। ऐसी स्थिति में मुख्य परीक्षा के परिणाम को निरस्त कर कापियों का पुनर्मूल्यांकन कराना आवश्यक है ताकि योग्य अभ्यर्थियों के साथ न्याय हो सके।  
 
  
 
जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के आरोप निराधार हैं।  
 
उन्होंने कहा कि सभी अभ्यर्थियों के लिए नियम समान थे और याचिकाकर्ता ने परीक्षा में असफल होने के बाद नियमों को चुनौती दी है।  
 
यदि उन्हें कोई आपत्ति थी, तो उन्हें नियम बनने के समय ही आपत्ति दर्ज करनी चाहिए थी। जेपीएससी की ओर से यह भी बताया गया कि एकलपीठ ने इस याचिका को खारिज कर दिया है।  
 
  
 
इसलिए वर्तमान अपील याचिका भी खारिज की जानी चाहिए। बता दें कि राजेश प्रसाद व अन्य की ओर से हाई कोर्ट में अपील दाखिल की गई है। |