आलोक भारती चौक पर चोरी के बाद सील एटीएम (फाइल फोटो) : जागरण
जागरण संवाददाता, बेतिया । जिले में अपराध पर नियंत्रण के लिए विगत कुछ वर्षों में कई स्तरों पर कदम उठाए गए। थानों की संख्या बढ़ाई गई, चौक-चौराहों और प्रमुख सड़कों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए, संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल की तैनाती की गई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सदर अनुमंडल का विभाजन कर अतिरिक्त डीएसपी की नियुक्ति तक की गई। इसके बावजूद चोरी, ठगी, सेंधमारी और ग्रामीण इलाकों में आपराधिक घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। हालिया एटीएम लूट की बड़ी वारदात ने एक बार फिर जिले की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा कर दिया हैं।
19 दिसंबर की रात नगर थाना क्षेत्र के आलोक भारती चौक के समीप और नौतन थाना क्षेत्र के गहीरी स्थित एसबीआई एटीएम को गैस कटर से काटकर अपराधियों ने 25 लाख 26 हजार 300 रुपये की चोरी कर लिया। अपराधी इनोवा कार से आए थे और वारदात से पहले एटीएम सेंटर पर लगे सीसीटीवी कैमरे पर ब्लैक स्प्रे कर दिया, ताकि उनकी पहचान न हो सके।
आलोक भारती चौक स्थित एटीएम से 12 लाख 52 हजार 300 रुपये और गहीरी एटीएम से 12 लाख 74 हजार रुपये की चोरी की गई। घटना के बाद पुलिस ने डॉग स्क्वायड और फोरेंसिक साइंस लैब की टीम से जांच कराई।
आसपास और अपराधियों के संभावित आने-जाने के रास्तों पर लगे कैमरों के फुटेज भी खंगाले गए। लेकिन अब तक किसी भी अपराधी का सुराग नहीं मिल सका है। हर तरफ निगरानी के दावे के बावजूद अपराधियों का चेहरा किसी फुटेज में कैद नहीं हो पाया है।
एटीएम चोरी की वारदात पर नीचे से लेकर ऊपर तक के अधिकारियों की नजर है। लेकिन इसके अलावा भी जिले में गृहभेदन, चोरी, छीनाझपटी, ठगी, दबंगई की घटनाओं में कमी नहीं आ रही है। हर दिन जिले के किसी ने किसी इलाके से अप्रिय घटनाओं की सूचना आती रहती है।
सीसीटीवी फुटेज में उलझी पुलिस, रफूचक्कर अपराधी
घटना के बाद अक्सर पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगालने में उलझ जाती है, जबकि अपराधी रफूचक्कर हो जाते। जिले में कई स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरे महज लगे होने तक सीमित नजर आते हैं। उनकी नियमित निगरानी, रखरखाव और रियल टाइम मॉनिटरिंग की कोई ठोस व्यवस्था दिखाई नहीं देती।
अक्सर वारदात के बाद फुटेज खंगालने की बात होती है, लेकिन उससे पहले अपराध की रोकथाम के लिए तैयारी कमजोर रहती है। पुलिस गश्ती और स्थानीय सूचना तंत्र की सुस्ती का फायदा अपराधी खुलेआम उठा रहे हैं। एटीएम से चोरी की घटना के बाद पुलिस की गश्ती टीम पर भी सवाल खड़ा हो गया है। वह भी तब, जब कुछ ही दिन पहले चंपारण रेंज के डीआईजी हरकिशोर राय ने क्रॉस गश्ती का निर्देश दिया था।
थानों की संख्या बढ़ने के बाद भी अपराध पर नहीं लगा लगाम
सदर अनुमंडल को फरवरी-मार्च 2024 में सदर वन और सदर टू में विभाजित किया गया। नए अनुमंडल के साथ एक अतिरिक्त डीएसपी की भी तैनाती हुई। इसके अलावा कुमारबाग, सिरसिया, मनुआपुल, कालीबाग, जगदीशपुर, नवलपुर, शनिचरी और बानुछापर जैसे कई ओपी को थानों में अपग्रेड किया गया।
उम्मीद थी कि इससे पुलिसिंग मजबूत होगी, लेकिन जमीनी हकीकत इसके उलट नजर आ रही है। अपराध की घटनाओं में कमी नहीं आ रही है। लगातार हो रही वारदातों से आम लोगों में यह धारणा बनती जा रही है कि सुरक्षा व्यवस्था कागजों तक सिमट गई है। कानून का डर अपराधियों के मन से कम होता जा रहा है।
एटीएम से चोरी की घटना की गहराई से जांच हो रही है। जांच के लिए अलग-अलग टीम बनी है। इस दिशा में काम हो रहा है।
विवेक दीप, सदर वन एसडीपीओ, बेतिया। |