शिक्षकों की कमी छात्राओं की पढ़ाई में बन रही बाधा।
संवाद सूत्र, कादीपुर (सुलतानपुर)। राजकीय बालिका इंटरमीडिएट कॉलेज कादीपुर की स्थिति बहुत खराब है। यहां पर महत्वपूर्ण विषयों के न तो प्रवक्ता हैं और न ही शिक्षक। इससे प्रतिवर्ष छात्राओं की संख्या घट रही है। महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक हैं ही नहीं। अन्य शिक्षकों के सहारे कक्षाएं संचालित हो रही हैं। विद्यालय में 21 के सापेक्ष छह शिक्षकों से काम चलाया जा रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कॉलेज में प्रवक्ता के कुल नौ पद सृजित हैं जिसमें सिर्फ दो ही मौजूद हैं। बाकी पद रिक्त हैं । वहीं सहायक अध्यापक के 12 पद सृजित है जिसमें से चार मौजूद हैं बाकी आठ स्थान अभी खाली है।
शिक्षण कार्य से इतर कर्मचारियों में तो और भी खराब हालत है 12 पद सृजित है, जिसमें से सिर्फ दो मौजूद हैं 10 रिक्त हैं । जहां पिछले सत्र में छात्राओं की संख्या 480 थी तो इस बार घटकर 466 हो गई है।
विद्यालय में 466 छात्राएं
विद्यालय में कुल 466 छात्राएं अध्ययन करती हैं। पिछले सत्र में यह संख्या 480 थी। कक्षा छह में 21 छात्राएं, कक्षा सात में 30 छात्राएं, कक्षा आठ में 23 छात्राएं, कक्षा नौ में 113 छात्राएं, कक्षा 10 में 100 छात्राएं, कक्षा 11 में 119 छात्राएं, तथा कक्षा 12 में 60 छात्राएं हैं।
इन विषयों के नहीं हैं शिक्षक
विज्ञान, कला, व्यायाम, कंप्यूटर, संस्कृत, अंग्रेजी और गणित विषय में एक-एक पद सृजित है लेकिन अध्यापक नहीं है । वहीं इतिहास, अंग्रेजी, नागरिक शास्त्र, भौतिक विज्ञान, सामान्य विज्ञान, जीव विज्ञान में एक-एक पद सृजित है लेकिन प्रवक्ता नहीं हैं।
शिक्षक हों उपलब्ध तो अच्छी होगी पढ़ाई
छात्र अर्पिता मिश्रा ने बताया कि यदि विषयों के शिक्षक उपलब्ध हो जाएं तो हम सब की पढ़ाई और भी अच्छी होने लगेगी। अर्शिया बानो का कहना है कि शिक्षकों के अभाव में पढ़ाई अच्छी नहीं हो पा रही है । इससे विषयों का ज्ञान ठीक से नहीं हो पा रहा है।
भरें रिक्त पद तो बने बात
प्रधानाध्यापक दिवाकर वर्मा ने बताया कि कॉलेज में शिक्षकों की बेहद कमी है। बगैर शिक्षकों के विषयों का ज्ञान बच्चों को ठीक से नहीं हो पाता है। विभाग को जल्द से जल्द रिक्त पदों की भर्ती करनी चाहिए। |