गाजियाबाद के सरकारी स्कूलों में फर्नीचर की कमी को दूर करने के लिए 1.20 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। फाइल फोटो
दीपा शर्मा, गाजियाबाद। जिले के बड़ी संख्या में सरकारी स्कूलों में छात्रों के लिए फर्नीचर नहीं है, जिससे बच्चों को फर्श पर चटाई पर बैठना पड़ता है। नतीजतन, इन बच्चों को खराब मौसम की मार झेलनी पड़ती है। सर्दियों में फर्श बहुत ठंडा हो जाता है। हालांकि, सरकारी स्कूलों में यह समस्या जल्द ही हल होने वाली है। स्कूलों को नया फर्नीचर देने के लिए 1.20 करोड़ रुपये के बजट का टेंडर जारी किया गया है। जल्द ही, छात्र फर्श के बजाय फर्नीचर पर बैठ पाएंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जिले में कुल 446 सरकारी स्कूल हैं। इनमें से लगभग 50 स्कूलों में बच्चों के लिए फर्नीचर नहीं था। जिन स्कूलों में फर्नीचर था भी, वह भी नाकाफी था। कुछ बच्चे डेस्क पर बैठते थे, जबकि दूसरों को फर्श पर चटाई या कालीन पर बैठना पड़ता था। अब, जिले के लगभग 50 स्कूलों को 1.20 करोड़ रुपये के बजट के तहत फर्नीचर मिलेगा। बाकी स्कूलों में पहले से ही बच्चों के लिए फर्नीचर है। इससे छात्रों को काफी राहत मिलेगी। उम्मीद है कि जनवरी तक सभी स्कूलों को बच्चों के लिए फर्नीचर मिल जाएगा।
सबसे बड़ी समस्याओं वाले स्कूल
जहां लगभग 50 स्कूल फर्नीचर की कमी के कारण समस्याओं का सामना कर रहे हैं, वहीं प्राइमरी स्कूल इस्लाम नगर और प्राइमरी स्कूल लाल कुआं में स्थिति खास तौर पर खराब है। प्राइमरी स्कूल इस्लाम नगर में, लगभग 450 छात्र आठ क्लासरूम में फर्श पर चटाई पर बैठते हैं। प्राइमरी स्कूल लाल कुआं में, बारिश के मौसम में जलभराव के कारण पूरे साल नमी रहती है। नम कमरों में फर्श और भी ठंडा लगता है। लगभग 150 बच्चे फर्श पर चटाई पर बैठते हैं।
फर्नीचर मिलने से इन स्कूलों के बच्चों को काफी राहत मिलेगी।
स्वास्थ्य समस्याओं से राहत
सर्दियों में ठंडे फर्श पर बैठने से बच्चों के बीमार पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। स्कूलों से अक्सर बच्चों में सर्दी, खांसी और बुखार के मामले सामने आते रहे हैं। अब, फर्नीचर मिलने से बच्चों को इन स्वास्थ्य समस्याओं से भी राहत मिलेगी। जिला एमएमजी अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. आलोक रंजन का कहना है कि सर्दियों में पढ़ाई के दौरान ठंडे फर्श पर बैठने से बच्चों के बीमार पड़ने की संभावना अधिक होती है। ठंडे फर्श पर बैठने से बच्चों को सर्दी लगने का खतरा बढ़ जाता है।
इसके अलावा, फर्श पर बैठकर पढ़ाई करने से आंखों और तंत्रिका संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। खराब पोस्चर से स्लिप डिस्क, स्कोलियोसिस या पीठ दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इससे आँखों पर भी ज़ोर पड़ता है और नज़र कमज़ोर हो सकती है। फर्श पर लंबे समय तक एक ही पोज़िशन में बैठने से घुटनों और पैरों में दर्द हो सकता है। ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो जाता है, जिससे सुन्नपन आ जाता है। फर्श पर बैठने से बच्चों में फंगल इन्फेक्शन और एलर्जी भी हो सकती है।
जिले के जिन स्कूलों में फर्नीचर नहीं है, उन्हें जल्द ही फर्नीचर दिया जाएगा, ताकि बच्चों को फर्श पर चटाई या कालीन पर न बैठना पड़े। टेंडर जारी कर दिया गया है, और सभी स्कूलों में जल्द ही फर्नीचर आना शुरू हो जाएगा।
-ओ.पी. यादव, बेसिक शिक्षा अधिकारी, गाजियाबाद |