विशेष शाखा ने रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड आदि की निगरानी कराने का निर्देश दिया है।
राज्य ब्यूरो, रांची। विशेष शाखा ने आठ जिलों के एसपी को सतर्क किया है कि वे मानव तस्करों की निगरानी कराएं। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड आदि की निगरानी कराएं, जहां से मानव तस्कर भोले-भाले ग्रामीणों को लालच देकर महानगरों में ले जाते हैं और उनका सौंदा करते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
फसल कटने के बाद बेरोजगार हो जाते हैं ग्रामीण
विशेष शाखा ने अपने पत्र में लिखा है कि फसल कटने के बाद ग्रामीण बेरोजगार हो जाते हैं। इसी का फायदा मानव तस्कर उठाते हैं। विशेष शाखा प्रत्येक वर्ष धान की फसल कटने के बाद इस तरह की एडवाइजरी जारी करता है। इस वर्ष भी किया है।
जिन जिलों से सर्वाधिक बच्चे नौकरी की लालच में महानगरों में जाते हैं, उनमें खूंटी, दुमका, सिमडेगा, गुमला, रांची, चाईबासा, लोहरदगा व पलामू जिला शामिल हैं। इन्हीं जिलों में सर्वाधिक मानव तस्करी के मामले सामने आते रहे हैं।
भोले भाले ग्रामीणों को झांसे में लेकर फंसाते हैं
मानव तस्कर बेरोजगार ग्रामीणों को झांसे में लेकर नौकरी दिलाने का आश्वासन देते हैं और उनके बच्चों को महानगरों में ले जाकर उनका सौदा कर देते हैं। इनमें बच्चियों की संख्या अधिक होती है।
विशेष शाखा ने सभी संबंधित जिलों को अपने एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) थाना को सतर्क करने को कहा है। ये एएचटीयू रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंडों पर समूह में जाने वाले युवक-युवतियों पर नजर रखेंगे। संदेह होने पर उनसे पूछताछ करेंगे और इसे रोकने की पहल करेंगे।
विशेष शाखा को सूचना है कि इसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है, क्योंकि मानव तस्कर अपने मंसूबों में कामयाब हो रहे हैं, यही वजह है कि झारखंड से प्रत्येक वर्ष करीब 500 बच्चे लापता हो रहे हैं। इनमें से 20 प्रतिशत बच्चों का पता नहीं चलता है। |