असल जिंदगी में सोच से ज्यादा क्रूर था रहमान डकैत, Dhurandhar में नहीं दिखा असली रूप...सच्चाई सुन कांप उठेगा कलेजा

deltin33 Yesterday 18:18 views 713
  

असल जिंदगी में \“धुरंधर\“ से ज्यादा क्रूर था रहमान डकैत/ फोटो- Jagran Graphics



एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। आदित्य धर की स्पाई थ्रिलर फिल्म \“धुरंधर\“ में रणवीर सिंह के कैरेक्टर के लिए जितनी सीटियां नहीं बजी, उससे कई ज्यादा तालियां थिएटर में \“रहमान डकैत\“ की एंट्री पर लोगों ने बजाई। \“धुरंधर\“ ने लियारी के खतरनाक गैंगस्टर का किरदार अक्षय खन्ना ने निभाया और जिस तरह से उन्होंने इसमें जान भरी वह काबिल-ए-तारीफ है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

अगर आपको लग रहा है कि \“धुरंधर\“ में रहमान डकैत की जितनी निर्दयता आपने पर्दे पर देखी है, वह बस इतना ही क्रूर था, तो आप गलत हैं। लियारी का गैंगस्टर असल जिंदगी में पर्दे पर दिखाए गए \“रहमान डकैत\“ से कई ज्यादा भयानक था। जिस रहमान डकैत के नाम से ही लियारी के लोग कांप जाते थे, उसकी रियल लाइफ से जुड़ा एक-एक किस्सा हम आपको अपने आर्टिकल में बता रहे हैं:
बचपन से ही क्राइम देखकर बड़ा हुआ था रहमान डकैत

लियारी करांची के सबसे पुराने इलाकों में से एक है, जहां 1976 में रहमान डकैत का जन्म हुआ था। लियारी उस समय में गरीबी, दुश्मनी और क्राइम के लिए बेहद फेमस था। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, रहमान डकैत, मोहम्मद और उनकी दूसरी पत्नी खादीजा का बेटा था। रहमान ने बचपन से ही अपने आसपास क्राइम देखा था। उसके पिता मोहम्मद और भाई ड्रग्स का धंधा करते थे और इकबाल और हाजी लालू उर्फ बाबू डकैत के गैंग के साथ अक्सर उनकी झड़प होती थी।

यह भी पढ़ें- Rehman Dakait: कैसे हुई थी रहमान डकैत की मौत, एसएसपी चौधरी असलम से कनेक्शन या कुछ और? Inside Story
बचपन में पटाखे फोड़ने के लिए मना करने पर घोंपा था चाकू

बचपन से ही क्राइम की दुनिया देखने वाला रहमान जब महज 13 साल का था, तो उसने एक आदमी को लियारी में सिर्फ इसलिए चाकू मार दिया था, क्योंकि वह उसे वहां पर पटाखे नहीं फोड़ने दे रहा था। रहमान की क्रूरता वहीं नहीं रुकी। दो साल बाद उसने एक बहसबाजी के बाद ड्रग्स का धंधा करने वाले 2 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था।

  
मां पर भी नहीं खाया रहमान डकैत ने तरस

साल 1995 में रहमान डकैत ने पूरे लियारी को हैरान तब किया, जब उन्होंने अपनी मां खादीजा को उन्हीं के घर में गोली से मार डाला। रहमान ने पुलिस को बताया था कि उसने अपनी मां को इसलिए मारा था, क्योंकि वह पुलिस की इन्फॉर्मर थी।

जिस साल रहमान डकैत ने अपनी मां की हत्या की, उसी साल उन्हें करांची पुलिस ने हथियार और ड्रग्स रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। ढाई साल तक जेल में रहने के बाद जब उसे करांची के जेल से कोर्ट की तरफ ले जाया जा रहा था, तो वह सभी को चकमा देकर भाग गया था।
बलूचिस्तान में जाकर फिर खड़ा किया नेटवर्क

फरार होने के बाद रहमान डकैत बलूचिस्तान आया, जहां उसने अपना नेटवर्क फिर से खड़ा किया। 2000 की शुरुआत में रहमान डकैत लियारी का सबसे पावरफुल गैंग लीडर बन चुका था। 2006 तक उसने खूब पैसा, प्रॉपर्टी और पॉलिटिकल कनेक्शन बना लिए थे। रिपोर्ट्स की मानें तो उसने कंराची से लेकर बलूचिस्तान और ईरान तक में अपनी कई प्रॉपर्टी खरीद ली थी। वह गैंगस्टर की दुनिया का एक ऐसा नाम बन चुका था, जो अब छुपछुपा कर नहीं, बल्कि खुलेआम अपराध कर रहा था।  

  
रहमान डकैत के थे 13 बच्चे

रिपोर्ट्स के मुताबिक, लियारी के गैंगस्टर रहमान डकैत ने तीन शादियां की थीं, जिनसे उनके 13 बजे थे। रहमान डकैत के राज में लियारी में काफी हिंसक माहौल बन गया था। हाजी लालू के साथ उनके ड्रग्स और गैम्बलिंग रैकेट का गठबंधन टूटने के बाद दोनों गैंगों में वॉर छिड़ गई थी। इस वॉर में 3 हजार 500 के आसपास लोग मारे गए थे। 2000 में रहमान ने अपने लगभग सभी दुश्मनों को खत्म कर दिया था और खुद को लियारी का अल्टीमेट रूलर घोषित कर दिया था।
राजनीति में शामिल होने के लिए बदला था नाम

रहमान का नाम पैसा ऐंठने से लेकर किडनैपिंग और, ड्रग स्मगलिंग जैसे अपराध से जुड़े सभी मामलों में शामिल था। हालांकि, एक समय ऐसा आया जब रहमान ने अपना नाम बदलकर सरदार अब्दुल रहमान बलूच रख लिया और द पीपुल्स अमन कमिटी बनाई। रहमान ने राजनीति में कदम रखा और लंबे समय तक वह पीपुल्स पार्टी और MQM से जुड़ा रहा।

  
चौधरी असलम के नेतृत्व में बनी लियारी टास्क फोर्स

लियारी में गैंगस्टर की क्रूरता बढ़ती देख करांची के पुलिस ऑफिसर चौधरी असलम के नेतृत्व में 2006 में अथॉरिटी ने गैंगस्टर्स को पकड़ने के लिए उस एरिया में एक टीम बनाई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उस साल टास्क फोर्स ने रहमान डकैत को गिरफ्तार भी किया, लेकिन कभी पुलिस के ऑफिशियल रिकॉर्ड्स में उसका नाम नहीं लिखा गया। हालांकि, चौधरी असलम के पास उस वक्त एक फोन आया, आसिफ अली जरदारी का था, जो बाद में पाकिस्तान के प्रेसिडेंट बने।

उन्होंने चौधरी को रहमान डकैत का एनकाउंटर करने से मना किया था। रिपोर्ट्स की मानें तो चौधरी असलम ने रहमान डकैत को गिरफ्तार करके पुलिस ऑफिसर्स के घर में ही रखा था, जहां से वह दोबारा भाग गया। कानून में उसकी इमेज एक पहुंच के बाहर वाले व्यक्ति की बन चुकी थी।
2009 में किया था रहमान डकैत का एनकाउंटर

2009 वह समय था, जब रहमान डकैत के आतंक का खात्मा हुआ। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, लियारी टास्क फोर्स ने फोन डेटा का इस्तेमाल करके उसे कुएत्ता के पास पकड़ा, जहां वह फर्जी आईडी का इस्तेमाल कर रहा था। जब उसने एक सीनियर आधिकारिक से बात करने के लिए कहा, तो उसे एक गाड़ी के पास ले जाया गया, जिसमें पुलिस इंस्पेक्टर असलम चौधरी थे। उसे तुरंत हिरासत में लिया गया।

  

रिपोर्ट्स की मानें तो, रहमान ने इस सिचुएशन को हैंडल करने के लिए असलम चौधरी को घूस ऑफर की, लेकिन उन्होंने इसे लेने से इनकार कर दिया। रहमान डकैत और उसके तीन साथियों को बाद में पुलिस एनकाउंटर में मार दिया गया। पुलिस ने बयान में बताया था कि वह 80 केस में मोस्ट वॉन्टेड थे, जिसमें किडनैपिंग और मर्डर के केस शामिल है। असलम चौधरी का किरदार फिल्म में संजय दत्त ने निभाया है।

यह भी पढ़ें- Rehman Dakait: 15 साल की उम्र में मां का कत्ल, 3 शादी-13 बच्चे, रहमान कैसे बना डकैत? Inside Story
like (0)
deltin33administrator

Post a reply

loginto write comments
deltin33

He hasn't introduced himself yet.

1210K

Threads

0

Posts

3610K

Credits

administrator

Credits
369028

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com, Of particular note is that we've prepared 100 free Lucky Slots games for new users, giving you the opportunity to experience the thrill of the slot machine world and feel a certain level of risk. Click on the content at the top of the forum to play these free slot games; they're simple and easy to learn, ensuring you can quickly get started and fully enjoy the fun. We also have a free roulette wheel with a value of 200 for inviting friends.