जहरीली हवा से बच्चों को बचाने के लिए टिप्स (Picture Courtesy: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली का AQI 500 पार पहुंच चुका है (Delhi Air Pollution)। यह सिर्फ एक पर्यावरणीय समस्या नहीं है, बल्कि हेल्थ इमरजेंसी भी है, जिसका असर लोगों की सेहत पर नजर आ रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
घर से बाहर कदम रखते ही आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। ऐसे में बच्चों का खास ध्यान रखने की जरूरत है, क्योंकि उनके फेफड़े अभी भी विकसित हो रहे होते हैं।
बच्चों की इम्युनिटी भी कमजोर होती है, जिसके कारण उन पर प्रदूषण का असर ज्यादा होता है। ऐसे में पेरेंट्स के लिए यह जानना जरूरी है कि खतरनाक स्तर पर पहुंचे प्रदूषण में शिशुओं और बच्चों की देखभाल कैसे करें।
घर के अंदर का वातावरण साफ रखें
- बाहर का प्रदूषण जब ज्यादा हो, तो सबसे पहला कदम है कि बच्चों को घर के अंदर रखें। घर की खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें, ताकि प्रदूषित हवा अंदर न आ सके।
- अगर हो सके, तो एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें, खासकर बच्चों के कमरे में। इसे नियमित रूप से साफ करना और फिल्टर बदलना न भूलें।
- प्राकृतिक एयर प्योरिफाइंग प्लांट्स, जैसे- एलोवेरा, स्पाइडर प्लांट, तुलसी आदि भी घर के अंदर की हवा की गुणवत्ता सुधारने में मदद कर सकते हैं।
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बाहर जाने से बचें
- ज्यादा प्रदूषण में बच्चों को बाहर ले जाने से बचना चाहिए, खासकर सुबह और शाम के समय जब प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा होता है।
- अगर बाहर जाना बेहद जरूरी हो, तो बच्चे को अच्छी क्वालिटी का N95 या N99 मास्क पहनाएं। ध्यान रखें कि मास्क बच्चे के चेहरे पर ठीक से फिट हो।
- साथ ही, प्रदूषण कम होने तक पार्क जाने या बाहरी खेलकूद की गतिविधियों को बंद कर दें।
साफ-सफाई और खान-पान का ध्यान
- बच्चे को बाहर से आने के बाद हाथ, मुंह और चेहरा अच्छी तरह साबुन से धुलवाएं।
- प्रदूषण के कण शरीर और कपड़ों पर चिपक सकते हैं, इसलिए नियमित रूप से नहाना और साफ कपड़े पहनना जरूरी है।
- खान-पान में विटामिन-सी, विटामिन-ई और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर फूड्स, जैसे- संतरा, आंवला, बादाम, अखरोट आदि शामिल करें। ये एंटीऑक्सीडेंट्स बच्चे के शरीर को प्रदूषण के प्रभावों से लड़ने में मदद करते हैं। साथ ही, भरपूर मात्रा में पानी और नारियल पानी व जूस आदि पिलाते रहें।
स्वास्थ्य के लिए जागरुकता
- बच्चे में खांसी, सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन, बार-बार सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- अस्थमा या अन्य सांस संबंधी समस्याओं से पीड़ित बच्चों के लिए तो खास सावधानी बरतनी चाहिए और डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाएं समय पर देनी चाहिए।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें। |