यमुना डूब क्षेत्र में लगा आरएमसी प्लांट। जागरण
प्रवेन्द्र सिंह सिकरवार, नोएडा। न सिर्फ़ शहर की हवा प्रदूषित है, बल्कि यमुना नदी का बहता पानी भी जहरीला होता जा रहा है। यमुना के बाढ़ वाले मैदानों में अवैध रूप से चल रहे RMC (रेडी मिक्स कंक्रीट) और हॉट मिक्स प्लांट इसके लिए ज़िम्मेदार हैं। इससे न सिर्फ़ नोएडा, बल्कि यमुना के दूसरी तरफ दिल्ली भी इस प्रदूषण से प्रभावित हो रही है। ये प्लांट ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) की कड़ी पाबंदियों और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेशों की अवहेलना करते हुए चल रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
NGT के आदेशों के अनुसार, बाढ़ वाले मैदानों में सभी तरह के निर्माण और गतिविधियां पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं। सेक्टर 94 और 135 के बीच बारह RMC और चार हॉट मिक्स प्लांट चल रहे हैं। तीन नए प्लांट भी लगाए जा रहे हैं।
इन प्लांटों से रोज़ाना 600 ट्रक गुजरते हैं, जिससे धूल उड़ती है और हवा प्रदूषित होती है। यह धूल नोएडा के घनी आबादी वाले सेक्टरों, जिनमें सेक्टर 126, 128, 131, 133, 134, और 135 शामिल हैं, और एक दर्जन से ज्यादा गांवों के निवासियों को भी प्रभावित कर रही है।
यमुना पुश्ता रोड पर उड़ती धूल। जागरण
जेपी विस्टाउन होम बायर्स वेलफेयर सोसाइटी ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB), नोएडा अथॉरिटी और जिला प्रशासन को अवैध रूप से चल रहे RMC प्लांटों को बंद करने की मांग करते हुए पत्र लिखा है। इस पत्र पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अधिकारियों का दावा है कि प्लांट बंद कर दिए गए हैं। हालांकि, स्थानीय निवासियों के अनुसार, इन दावों के बावजूद, प्लांट बिना किसी रुकावट के चल रहे हैं।
यमुना का पानी प्रदूषित
बाढ़ वाले मैदानों में चल रहे ये प्लांट यमुना नदी के पानी को भी प्रदूषित कर रहे हैं। प्लांटों से निकलने वाला कचरा और रासायनिक अपशिष्ट सीधे यमुना में बहाया जा रहा है। यह यमुना में बिना ट्रीट किए और प्रदूषित पानी को बहाने से रोकने के निर्देशों के बावजूद हो रहा है।
चार लाख से अधिक लोग प्रभावित
छह सेक्टरों और एक दर्जन से ज़्यादा गाँवों और आस-पास के इलाकों में चार लाख से ज़्यादा लोग रहते हैं। यह आबादी RMC प्लांट से होने वाले प्रदूषण से बुरी तरह प्रभावित हो रही है। इसी वजह से सेक्टर-125 में स्थित मॉनिटरिंग स्टेशन पर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) ज़्यादा रहता है।
उड़ती धूल के कारण विजिबिलिटी 20 मीटर तक कम हो गई
पुश्ता रोड के दोनों ओर की दूरी 23 किमी है। RMC प्लांट से आने-जाने वाले ट्रकों से उड़ने वाली धूल के कारण विजिबिलिटी सिर्फ़ 20 मीटर रह गई है। इस रास्ते से गुज़रने वाले वाहन पूरी तरह से धूल और गंदगी से ढक जाते हैं।
विधायक ने पत्र लिखा
दादरी के विधायक तेजपाल नागर ने अक्टूबर में सेक्टर-150 के बाढ़ प्रभावित इलाके में अवैध रूप से चल रहे RMC प्लांट के खिलाफ कार्रवाई के संबंध में ज़िलाधिकारी को एक पत्र लिखा था।
बाढ़ प्रभावित इलाके में RMC प्लांट या कोई अन्य गतिविधि की अनुमति नहीं है। इन्हें अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। इन प्लांटों को बंद करवाने के लिए अथॉरिटी और ज़िला प्रशासन से पत्राचार किया गया है। इन्हें पूरी तरह से बंद करवाने के लिए मुख्यालय को पत्र लिखा जाएगा।
-रितेश तिवारी, क्षेत्रीय अधिकारी, UPPCB नोएडा
पुस्ता रोड के दोनों ओर की दूरी 23 किमी है। सड़क पर गहरे गड्ढे हैं। ड्राइवरों को उनसे बचकर निकलना पड़ता है। इन गड्ढों से बचने के कारण दूरी लगभग पाँच किलोमीटर बढ़ जाती है।
पूरा विश टाउन RMC प्लांट और यहाँ से गुज़रने वाले ट्रकों से निकलने वाली धूल से परेशान है। संबंधित विभाग और अधिकारियों को इस पर संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए।
हरीश चंद्र, अरोड़ा
RMC प्लांट से हमारे बुज़ुर्गों और बच्चों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है। हमें सोसाइटी परिसर में चलते समय भी मास्क पहनना पड़ता है। यहाँ प्रदूषण की दोहरी मार है।
अशोक कुमार बंसल |