जम्मू पुलिस ने खास हिदायत दी है कि सतर्क रहें और अपनी निजी जानकारी सुरक्षित रखें।
दिनेश महाजन, जम्मू। जम्मू में साइबर ठगों ने लोगों को ठगने का एक नया और खतरनाक तरीका अपना लिया है। शादी का कार्ड या ई-चालान के नाम पर वाट्सऐप पर भेजी जा रही नकली एपीके (एंड्रायड एप्लिकेशन फाइल) फाइलें मोबाइल फोन को हैक कर रही हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जैसे ही पीड़ित फाइल खोलता है, उसका फोन ठगों के मिरर मोड में चला जाता है और वे बैंक ऐप, पासवर्ड व ओटीपी समेत हर गतिविधि पर नजर रखकर मिनटों में बैंक खाता खाली कर देते हैं। हाल ही में शहर के अलग-अलग इलाकों से ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें लाखों रुपये की ठगी हो चुकी है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार,जैसे ही कोई व्यक्ति उस फाइल को अपने मोबाइल में डाउनलोड कर खोलता है, फोन मिररिंग मोड में चला जाता है। इसका मतलब यह होता है कि ठग आपके मोबाइल स्क्रीन पर होने वाली हर गतिविधि को लाइव देख सकते हैं। बैंक ऐप्स खोलना, ओटीपी डालना, पासवर्ड लिखना, सब कुछ। इसके बाद कुछ ही मिनटों में आपका खाता खाली हो जाता है।
कैसे करते हैं साइबर ठग हमला?
साइबर ठग पहले शादी का कार्ड या चालान का नाम लेकर एक लिंक या .एपीके फाइल वाट्सऐप पर भेजते हैं। जैसे ही व्यक्ति उस लिंक पर क्लिक करता है, एक नकली ऐप फोन में इंस्टाल हो जाता है। यह ऐप फोन के सभी परमिशन कैमरा, एसएमएस, फाइल्स और बैंकिंग ऐप्स तक पहुंच बना लेता है।
इसके बाद ठग रिमोट एक्सेस टूल का इस्तेमाल करके फोन को मिरर करते हैं। यानी ठग आपके फोन की स्क्रीन अपने कंप्यूटर पर देख सकते हैं। इसी तकनीक से वे ओटीपी पकड़कर बैंक ट्रांजेक्शन कर लेते हैं। फोन के हैक होते ही यूजर को पता भी नहीं चलता कि उसकी निजी जानकारियां किसी और के पास जा चुकी हैं।
जम्मू में तीन ताजा केस आए सामने
- गांधी नगर के एक व्यापारी राजीव शर्मा के पास वाट्सऐप पर शादी का कार्ड आया। लिंक क्लिक करते ही उनका फोन हैंग हो गया और अगले 10 मिनट में उनके खाते से 48,000 गायब हो गए।
- त्रिकुटा नगर के एक शिक्षिका को ई-चालान के नाम पर फाइल भेजी गई। कार्ड खोलते ही बैंक ऐप अपने आप लागआउट हो गया और कुछ घंटों बाद उन्होंने बैंक खाते से 27,000 रुपये निकलने का एसएमएस आया।
- जानीपुर के एक युवक ने दोस्त के नाम से आए कार्ड को असली समझ कर खोला। उसके फोन की स्क्रीन अपने आप ब्लैंक हो गई और अगले दिन उसके खाते से 95,000 ट्रांसफर हो गए।
साइबर पुलिस ने जारी की एडवाइजरी
- अज्ञात लिंक या .एपीके फाइल न खोले
- किसी भी अज्ञात नंबर या अनजान लिंक से आया शादी कार्ड या चालान न खोलें।
- एपीके फाइल कभी डाउनलोड न करें, क्योंकि यह केवल गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद ऐप्स के अलावा खतरनाक हो सकती है।
- यदि कोई फाइल गलती से खुल जाए, तुरंत इंटरनेट डेटा बंद करें और फोन फैक्टरी रीसेट कराएं।
- बैंक ऐप्स में दो-स्तरीय वेरिफिकेशन और ओटीपी अलर्ट सक्रिय रखें।
- किसी अज्ञात व्यक्ति को स्क्रीन शेयर, ओटीपी या बैंक डिटेल कभी न बताएं।
तुरंत साइबर सेल जम्मू (1930) पर दें सूचना
जम्मू में साइबर ठगों ने लोगों को ठगने का एक नया और खतरनाक तरीका अपना लिया है। शादी का कार्ड या ई-चालान के नाम पर वाट्सऐप पर भेजी जा रही नकली एपीके (एंड्रायड एप्लिकेशन फाइल) फाइलें मोबाइल फोन को हैक कर रही हैं। जैसे ही पीड़ित फाइल खोलता है, उसका फोन ठगों के मिरर मोड में चला जाता है और वे बैंक ऐप, पासवर्ड व ओटीपी समेत हर गतिविधि पर नजर रखकर मिनटों में बैंक खाता खाली कर देते हैं।
हाल ही में शहर के अलग-अलग इलाकों से ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें लाखों रुपये की ठगी हो चुकी है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार,जैसे ही कोई व्यक्ति उस फाइल को अपने मोबाइल में डाउनलोड कर खोलता है, फोन मिररिंग मोड में चला जाता है। इसका मतलब यह होता है कि ठग आपके मोबाइल स्क्रीन पर होने वाली हर गतिविधि को लाइव देख सकते हैं। बैंक ऐप्स खोलना, ओटीपी डालना, पासवर्ड लिखना, सब कुछ। इसके बाद कुछ ही मिनटों में आपका खाता खाली हो जाता है। |