जदयू सांसद कौशलेन्द्र कुमार
जागरण संवाददाचा, नालंदा। JDU कोटे के सांसद कौशलेन्द्र कुमार ने हाल में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण (या पुनर्रचना) की मांग या उसके समर्थन की बात करते हुए कहा है कि \“बंगाल में बाबरी मस्जिद बननी …\“ इस बयान ने राज्य राजनीति में फिर से हलचल मचा दी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उनके बयान ने कई तरह की प्रतिक्रियाएँ उत्पन्न की हैं। कुछ लोग इसे धार्मिक, राजनीतिक स्थिरता और साम्प्रदायिक सौहार्द्र के लिए एक सकारात्मक संकेत मानते हैं, जबकि कई अन्य इसे संवेदनशील और विवादास्पद विषय के रूप में देख रहे हैं।
बाबरी मस्जिद का मुद्दा भारत में लंबे समय से संवेदनाओं से जुड़ा रहा है, और किसी भी समय इसके पुनर्निर्माण या पुनर्रचना की चर्चा से राजनीतिक और सामाजिक बहस तेज हो जाती है।
कौशलेन्द्र कुमार का यह बयान — जो उनके गृहक्षेत्र नालंदा से जुड़ा है, राज्य की जनता और नेता-मंडल के लिए चर्चा का विषय बन गया है।
उनके समर्थकों ने इसे धार्मिक सौहार्द्र और समाज में भाईचारे की ओर एक कदम माना, वहीं आलोचकों ने इसे संवेदनशील मतभेदों को हवा देने वाला बताया।
इस बीच, यह देखना होगा कि इस तरह की घोषणा या बयानबाज़ी का आगे क्या असर दिखता है। बिहार और आस-पास के राज्यों में धर्म, राजनीति और सामाजिक शांति हमेशा से संवेदनशील विषय रहे हैं; इसलिए ऐसी किसी भी पहल को लेकर सावधानी और संवेदनशीलता बहुत जरूरी है।
फिलहाल, जनता, सामाजिक समूहों और राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया का दौर जारी है, और यह स्पष्ट नहीं है कि अगली राजनीतिक प्रतिक्रिया या प्रशासनिक कदम क्या होंगे। |