डिजिटल डेस्क, रांची। झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन, माननीय अध्यक्ष महोदय ने विगत सत्र से अब तक दिवंगत हुए देश और झारखंड की कई महान विभूतियों के प्रति गहरा शोक व्यक्त करते हुए प्रस्ताव पढ़ा। सदन ने फिल्म जगत, राजनीति, उद्योग, विज्ञान, और स्थानीय समाज से जुड़े दिग्गजों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान सभी सदस्यों ने मौन धारण कर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
प्रमुख हस्तियां जिन्हें श्रद्धांजलि दी गई
- धर्मेंद्र (दिग्गज अभिनेता और पूर्व सांसद): हिंदी सिनेमा के \“ही मैन\“ और गुरदासपुर से पूर्व लोकसभा सांसद श्री धर्मेंद्र जी का 24 नवंबर 2025 को निधन हो गया।
- सत्यपाल मलिक (पूर्व राज्यपाल): बिहार, मेघालय, गोवा और जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल रहे श्री सत्यपाल मलिक के निधन पर सदन ने दुख व्यक्त किया।
- गोपीचंद हिंदुजा (उद्योगपति): हिंदुजा समूह के अध्यक्ष गोपीचंद हिंदुजा का 4 नवंबर 2025 को निधन हो गया।
झारखंड के प्रमुख व्यक्तित्व:
- रामचंद्र रूंगटा (उद्योगपति): रूंगटा ग्रुप के संस्थापक, जिन्होंने झारखंड के उद्योग जगत में अपनी पहचान बनाई थी।
- बेंजामिन लकड़ा (शिक्षाविद, समाज सेवी): पूर्व प्रधान महालेखाकार, शिक्षाविद और आदिवासी समुदाय के संदर्भ में कई पुस्तकों के लेखक।
- बी.सी. ठाकुर: झारखंड ओलंपिक संघ (JOA) के पहले अध्यक्ष और सेवानिवृत्त IAS अधिकारी, जिन्होंने राज्य के खेल क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- पंडित छन्नूलाल मिश्र (शास्त्रीय गायक): दादरा, ठुमरी, चैता, सोहर आदि विधाओं के प्रसिद्ध पारंपरिक लोक गायक।
- श्री प्रकाश जायसवाल (पूर्व केंद्रीय मंत्री): कानपुर से तीन बार सांसद रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री।
- डॉ. एकनाथ वसंत चिटनिस (अंतरिक्ष वैज्ञानिक): पद्म भूषण से सम्मानित और इसरो के संस्थापक काल से जुड़े रहे वैज्ञानिक।
अन्य कलाकार: कामिनी कौशल, गोवर्धन असरानी, पंकज धीर (महाभारत के कर्ण), और सतीश शाह।
त्रासद घटनाओं में दिवंगत लोगों को भी श्रद्धांजलि
अध्यक्ष ने विभिन्न त्रासद दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों के लिए भी गहरा शोक व्यक्त किया। विशेष रूप से सीआरपीएफ जवान मिलन सिंह राजपूत (उधमपुर बस दुर्घटना) सहित सियाचिन, छत्तीसगढ़ (नक्सली मुठभेड़), और झारखंड के सारंडा व मनातू थाना क्षेत्र में शहीद हुए जवानों को नमन किया गया।
इसके अलावा, छठ पर्व, प्राकृतिक आपदाओं (भूस्खलन), और अन्य दुर्घटनाओं में मारे गए नागरिकों के प्रति भी संवेदनाएं व्यक्त की गईं।
सदन ने सभी दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की और उनके परिवारों के प्रति गहरी सहानुभूति व्यक्त करते हुए पहले दिन की कार्यवाही स्थगित कर दी। |