पुलिस की गिरफ्त में आरोपित
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। संभल के बहजोई निवासी अनिकेत की उसके पिता बाबूराम शर्मा ने ही 25 लाख रुपये के लालच में दोस्त अधिवक्ता से मिलकर हत्या कराई थी। आरोपित अधिवक्ता ने मृतक और उसके पिता को जानकारी दिए बिना अनिकेत का दो करोड़ रुपये का बीमा करा दिया था। अधिवक्ता ने पिता को 25 लाख रुपये का लालच देने के बाद तीन लोगों को युवक की हत्या करने के लिए साढ़े तीन लाख रुपये की सुपारी दी थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सुपारी लेकर हत्या करने आए तीनों आरोपितों को पिता ने अपने दोस्त के साथ मिलकर बेटे को सौंप दिया। उन्होंने युवक को पहले शराब पिलाई और उसके बाद लोहे की राड से सिर पर हमला कर हत्या कर दी। बचने के लिए मृतक का पिता हत्या को हादसा बताकर पुलिस को शिकायती पत्र नहीं दे रहा था।
जनपद संभल के बहजोई के मुहल्ला नई बस्ती दुर्गा कालोनी निवासी अनिकेत बहजोई के ही एक फर्म में काम करता था। अनिकेत की मां की कुछ साल पहले बीमारी के चलते मृत्यु हो गई थी। युवक के पिता बाबूराम ने इसके बाद दूसरी शादी कर ली थी। 16 नवंबर की रात उसका शव चंदौसी मुरादाबाद बाइपास स्थित गांव जैतपुर निवासी भीमसेन दिवाकर के खेत में मिला था। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया।
स्वजन से शिकायती पत्र मांगा तो बाद में देने की बात बताई। दोबारा शिकायती पत्र मांगा तो मृतक के पिता ने बेटे की मृत्यु का कारण सड़क हादसा बताते हुए शिकायती पत्र देने से इन्कार कर दिया था। उसी दिन से पुलिस को मृतक के पिता पर शक हो गया था। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि मृतक का दो करोड़ रुपये का दुर्घटना बीमा था। जांच के दौरान पुलिस ने चार आरोपितों को हिरासत में लिया।
गुरुवार को पूरे मामले का राजफाश करते हुए एसपी देहात कुंवर आकाश सिंह ने बताया कि बाबूराम शर्मा ने साथियों संग मिलकर उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के नानकमत्ता क्षेत्र में डकैती की घटना को अंजाम दिया था। उस दौरान उसे पुलिस ने जेल भेज दिया था। जेल से बाहर आकर उसकी मुलाकात अधिवक्ता आदेश कुमार निवासी रतनपुर नौगावां सादात अमरोहा से हुई। उधर अनिकेत शराब पीने लगा था।
इस बात की जानकारी बाबूराम शर्मा ने अधिवक्ता को दी। अधिवक्ता ने सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर दो जनवरी वर्ष 2024 को अनिकेत का बहजोई के एचडीएफसी बैंक में खाता खुलवाया, लेकिन खाते के एटीएम कार्ड अपने पास रख लिया। कुछ दिनों बाद अनिकेत और उसके पिता को बुलाकर टाटा कंपनी में एक बीमा पालिसी कराई। पिता पुत्र पढ़े हुए नहीं थे।
ऐसे में बीमा के बारे में अधिक जानकारी नहीं थी। वहीं डकैती के मामले में बाबूराम शर्मा को पिछले साल मार्च माह में सजा हो गई और वह जेल चला गया। अधिवक्ता आदेश कुमार बीमा की किस्त खुद जमा करने लगा। सजा काटने के बाद इसी साल जुलाई माह में बाबूराम शर्मा जेल से बाहर आया। अधिवक्ता से रुपये उधार मांगे तो उसने दे दिए। बाद में अपनी परेशानी बताने लगा।
अधिवक्ता ने इस बीच अनिकेत की हत्या करने की बात बाबूराम शर्मा को बता दी और बदले में 25 लाख रुपये का लालच दे दिया। बताया कि जो बीमा पालिसी कराई थी उसके रुपये मिलेंगे। जो आधे-आधे कर लेंगे। पिता से बेटे की हत्या का सौदा तय होने के बाद अधिवक्ता ने हत्या करने की योजना बना ली।
अधिवक्ता ने अनिकेत की हत्या की असलम उर्फ सुल्तान निवासी नटियाखेड़ा थाना शाहबाद रामपुर को साढ़े तीन लाख रुपये में सुपारी दे दी। योजना के अनुसार असलम अपने साथी गांव के ही तहब्बुर मैवाती और साजिद मैवाती निवासी रुस्तमनगर थाना शाहबाद रामपुर को कार से लेकर बहजोई पहुंच गए।
बाबूराम मुहल्ले के ही विजयपाल के साथ बाइक पर अनिकेत को बैठाकर गंगा एक्सप्रेस-वे के अंडरपास के नीचे पहुंच गया। वहां पर पहले से ही असलम अपने साथियों के साथ खड़ा था। पिता ने बेटे को उन्हें सौंप दिया। तीनों उसे लेकर चंदौसी पहुंचे और शराब पिलाई। उसके बाद बिलारी में पहुंचकर भी शराब पिलाई। बाद में कुंदरकी के गांव जैतपुर में ले जाकर लोहे की राड से सिर पर हमला कर हत्या कर दी।
एसपी देहात ने बताया कि आरोपित बाबूराम शर्मा, साजिद मैवाती, असलम उर्फ सुल्तान, तहब्बुर मैवाती को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया है। जबकि अधिवक्ता आदेश कुमार और विजयपाल फरार है। दोनों की तलाश की जा रही है।
सड़क हादसे में मौत के बाद मिलते दो करोड़
अनिकेत की अगर मृत्यु बीमारी से होती तो परिवार को एक करोड़ रुपये मिलते, अगर उसकी मृत्यु सड़क हादसे में होती तो दो करोड़ रुपये मिलते। अधिवक्ता ने दो करोड़ रुपये लेने के लिए अनिकेत की हत्या कर उसे सड़क हादसा दिखाने के लिए पूरी योजना बनाई थी, लेकिन पिता के द्वारा जब शिकायती पत्र नहीं दिया गया तो पुलिस उसी समय समझ गई थी।
पोस्टमार्टम में हत्या की पुष्टि, तहरीर से इन्कार पर ही घेरे में आया था पिता
16 नवंबर की रात जब अनिकेत का शव मिला तो पुलिस को पहले दिन युवक के दोस्तों पर शक था क्योंकि पुलिस को बताया गया था कि वह कुंदरकी में शादी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आया था। हत्या के बाद मृतक के पिता ने अगले दिन तहरीर देने की बात कही। उस समय भी पुलिस को शक नहीं हुआ। इधर, अनिकेत का पोस्टमार्टम हुआ।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भारी वस्तु से सिर पर प्रहार कर हत्या की कहानी सामने आई। पिता को भी यह जानकारी हुई। मगर, दूसरे दिन भी उसने पुलिस को शिकायती पत्र नहीं दिया। टालमटाेल शुरू कर दी। इसी के बाद ही वह शक के घेरे में आ गया था। पुलिस ने फोन सीडीआर समेत अन्य बिंदुओं पर काम शुरू किया।
शुरुआती इनपुट पर 16 नवंबर को पुलिस बहजोई पहुंच गई। वहां पता चला कि मृतक के पिता ने दूसरी शादी की है। दूसरी पत्नी की उम्र बहुत कम है जबकि बाबूराम शर्मा बुजुर्ग हो गया है। लिहाजा, पुलिस हत्या के पीछे मृतक की सौतेली मां मान रही थी। 23 नवंबर तक भी पुलिस को कोई शिकायती पत्र नहीं मिला।
इधर, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद भी बाबूराम शर्मा हत्या को सड़क हादसा बताना में जुटे थे। किसी से भी रंजिश की बात से इन्कार कर रहे थे। तब 24 नवंबर को पुलिस ने मृतक के चाचा नवनीत शर्मा के शिकायती पत्र पर अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।
इसी बीच मृतक के नाम पर बीमा पालिसी की जानकारी पुलिस को मिल गई। फिर पुलिस को यकीन हो गया कि बीमा की धनराशि के लिए युवक की हत्या की गई। पुलिस ने बाबूराम शर्मा को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो वह टूट गया और सिलसिलेवार पूरा घटनाक्रम स्वीकार कर लिया।
कार में बैठाते ही अनिकेत का बंद कर दिया मोबाइल
आरोपितों ने जैसे ही अनिकेत कार में बैठाया उसके बाद युवक का मोबाइल असलम ने लिया और मोबाइल फोन बंद कर दिया। जिससे पुलिस मृतक के मोबाइल की लोकेशन के आधार पर आरोपितों तक न पहुंच पाए।
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