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कांगड़ा को मजबूत करने में जुटे CM, मंत्री चंद्र कुमार के भतीजे को OBC आयोग का अध्यक्ष बनाने के क्या हैं मायने?

deltin33 2025-12-4 22:40:22 views 434

  

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू। जागरण आर्काइव  



दिनेश कटोच, धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा की राजनीतिक महत्ता सभी दल समझते हैं। यही कारण है कि भाजपा हो या कांग्रेस हर पार्टी यहां के नेताओं को अहम पदों पर बैठाने में तवज्जो देती है। मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू भी कांगड़ा में अपनी पकड़ को मजबूत करने में जुटे हैं।

पिछले कल सरकार ने जवाली निवासी पूर्व एचएएस अधिकारी प्रभात चौधरी को राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष बनाया है। उनकी नियुक्ति को जवाली में नया नेता खड़ा करने से जोड़ कर भी देखा जा रहा है।

प्रभात चौधरी जवाली में ओबीसी नेता व कृषि मंत्री चंद्र कुमार के भतीजे हैं। चंद्र कुमार वर्षों से कांग्रेस की ओर से प्रतिनिधित्व करते आए हैं। लेकिन ऐसे में अब जवाली में उनके ही रिश्तेदार पूर्व एचएएस अधिकारी प्रभात चौधरी को राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष का ओहदा सौंप कर जवाली में चंद्र कुमार सम कक्ष उन्हें खड़ा कर दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जवाली में कांग्रेस की मजबूती के लिए उठाया कदम

भले ही अभी विधानसभा चुनाव को दो वर्ष का समय है, लेकिन सरकार यह चाहती है कि जवाली में चंद्र कुमार के बगैर कांग्रेस अभी से ही मजूबत होना शुरू हो जाए और इस दिशा में प्रभात अपना राजनीतिक कदम भी बढ़ाने शुरू कर दें।  
चंद्र कुमार के पुत्र पूर्व सीपीएस नीरज भारती रहते हैं विवादों में

बता दें कि जवाली में चंद्र कुमार के बेटे नीरज भारती सीपीएस रह चुके हैं और इसके बाद अधिकतर कांग्रेस से चंद्र कुमार ने ही जवाली से कांग्रेस को जीत दिलाई। चंद्र कुमार के बेटे नीरज भारती अपनी फेसबुक पोस्ट को लेकर चर्चा और विवादों में रहते हैं। कई बार सरकार के खिलाफ बोलकर अपने पिता चंद्र कुमार की किरकिरी करवा चुके हैं तो ऐसे में कहीं प्रभात को अध्यक्ष बनाकर उन्हें ही अगली बार विधानसभा का प्रत्याशी बनाए जाने की सरकार की कोई मंशा तो नहीं है, इस पर चर्चा तेज है।  
प्रभात कुमार का नहीं राजनीतिक सफर

हालांकि प्रभात चौधरी का चंद्र कुमार के रिश्तेदार होने के अलावा कोई अन्य बड़ा राजनीतिक सफर तो नहीं रहा है लेकिन उन्हें सरकारी नौकरी में रहते हुए प्रशासनिक कामकाज का अनुभव है। सरकार ने उन्हें अब ओबीसी आयोग के अध्यक्ष के रूप में जिम्मेवारी सौंप कर जवाली में अपनी पकड़ को मजबूत करने का दिशा में कदम आगे किया हो।

हालांकि अभी विधानसभा के चुनावों को लेकर दो वर्ष का समय बाकि है तो ऐसे में जवाली कांग्रेस में भविष्य में क्या गतिविधियां रहेंगी और किस राजनीतिक कार्य योजना के दोनों ही कांग्रेस नेता आगे बढ़ते हैं यह भी देखने वाली बात होगी।
कांगड़ा को अभी तक मिल चुके हैं ये पद

जिला कांगड़ा से अभी आरएस बाली पर्यटन निगम के अध्यक्ष, केवल सिंह पठानिया उप मुख्य सचेतक और भवानी सिंह पठानिया योजना आयोग के उपाध्यक्ष हैं। डा. राजेश शर्मा प्रदेश शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष, अजय वर्मा एचआरटीसी के उपाध्यक्ष, निशू मोंगरा एपीएमसी के अध्यक्ष और संजय चौहान ग्रामीण विकास बैंक के अध्यक्ष हैं। वहीं अब प्रभात चौधरी को राज्य पिछड़ा आयोग का अध्यक्ष बनाया है।

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जवाली भाजपा में भी सुखद नहीं हैं हालात

वहीं जवाली भाजपा में भी अभी तक कुछ सुखद हालात नहीं हैं। वर्ष 2022 के विधानसभा के चुनाव में यहां से पूर्व विधायक अर्जुन ठाकुर की टिकट काटकर संजय गुलेरिया पर भाजपा ने दांव खेला था, लेकिन वह चुनाव जीत नहीं पाए। ऐसे में अब यहां पर अर्जुन ठाकुर व संजय गुलेरिया के बीच आपसी राजनीतिक तनातनी का माहौल बना हुआ है। भाजपा के ये दोनों ही नेता अपने वर्चस्व की जंग लड़ रहे हैं। अब इन हालात में भाजपा के साथ जवाली कांग्रेस में भी नेताओं के बीच आपसी रार बढ़ेगी।

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