भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद। फाइल फोटो
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को मोबाइल हैंडसेट पर संचार साथी एप प्री-इंस्टाल करने के आदेश का बचाव किया और इसकी तुलना सुरक्षा कवच से की। उन्होंने बेबुनियाद विवाद खड़ा करने के लिए विपक्ष की आलोचना की और आरोप लगाया कि वह एक लाभकारी पहल को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
रविशंकर प्रसाद ने कहा, \“हर मोबाइल में कई एप होते हैं, लेकिन अगर कोई एक एप सुरक्षा कवच की तरह काम करता है तो आपको क्या दिक्कत है? इस पर बेबुनियाद विवाद खड़ा किया जा रहा है।\“ उन्होंने विपक्ष के रुख को बिहार में उसकी हालिया हार से जोड़ा और दावा किया कि वोटरों ने चुनावी मुद्दों पर शिकायत नहीं की।
संचार साथी एप: सुरक्षा कवच
उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि ऐसे विपक्ष के साथ उन्हें चुनाव जीतने में मुश्किल होगी। कहा, \“उन्होंने (विपक्ष ने) संसद के पिछले सत्र में भी SIR का मुद्दा उठाया था। बिहार में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। करोड़ों वोटरों में से किसी ने भी शिकायत नहीं की कि उन्हें वोट नहीं देने दिया गया.. कांग्रेस इस तरह कभी नहीं जीतेगी।\“
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि इस एप का मकसद लोगों की आवाज दबाना नहीं, बल्कि उनकी आवाज और उनके मोबाइल को सुरक्षित करना है। उन्होंने कहा कि संचार साथी एप के जरिये सरकार किसी की जासूसी नहीं करना चाहती।
विपक्ष पर रविशंकर प्रसाद का हमला
एप आपके मैसेज नहीं पढ़ सकता। यह आपकी इनकमिंग या आउटगोइंग काल नहीं सुन सकता। आपके पर्सनल डाटा तक नहीं पहुंच सकता या उसमें सेंध नहीं लगा सकता। कांग्रेस इस बारे में गलत जानकारी फैला रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के इस आरोप पर कि सरकार ने इनकम टैक्स कानूनों को बुलडोज कर दिया है, पात्रा ने गांधी परिवार पर निशाना साधा और कहा, \“उन्हें इससे जरूर दिक्कत होगी।
संबित पात्रा ने कांग्रेस को घेरा
कांग्रेस इतने लंबे समय से टैक्स चोरी कर रही थी। राहुल गांधी के विरुद्ध भी एक केस है।\“ सूचना के अधिकार अधिनियम को दबाने के आरोप पर पात्रा ने कहा, \“खरगे साहब कोई अंधेरगर्दी नहीं है। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट हैं। क्या आपने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।\“
उन्होंने खरगे के \“पेगासस स्कैंडल\“ के आरोप का भी जवाब दिया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही इस मामले को खारिज कर चुका है। साथ ही सवाल किया कि फोन में स्पाईवेयर होने का दावा करने वाले राहुल गांधी ने जांच के लिए अपना फोन क्यों नहीं दिया?
(न्यूज एजेंसी ANI के इनपुट के साथ) |