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NPS Tier 1 and Tier 2: दोनों में क्या है फर्क, किसमें पैसा लगाने पर होगा ज्यादा फायदा?

LHC0088 Yesterday 23:07 views 651

  



राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) एक स्वैच्छिक, बाजार-आधारित रिटायरमेंट स्कीम है जिसे पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) देखता है। इसमें कामकाजी लोग नियमित योगदान करके इक्विटी, कॉर्पोरेट बॉन्ड और सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश कर रिटायरमेंट कॉर्पस बना सकते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

रिटायरमेंट पर इस कॉर्पस का एक हिस्सा एन्युइटी (पेंशन) में बदल जाता है और बाकी निकाला जा सकता है। एनपीएस में आप टियर-1 या टियर-2 खाता खोल सकते हैं। दोनों में एक ही फंड मैनेजर और निवेश विकल्प होते हैं, लेकिन निकासी और टैक्स लाभ के मामले में नियम पूरी तरह अलग हैं।
टियर-1: टैक्स बचत के साथ कड़े नियम

टियर-1 एनपीएस का मूल खाता है और इसे लंबी अवधि के रिटायरमेंट बचत के लिए बनाया गया है। इसमें तीन बड़े टैक्स लाभ मिलते हैं (वर्तमान नियमों के अनुसार)सेक्शन 80CCD(1) के तहत 80C की 1.5 लाख की सीमा में छूट। अतिरिक्त 50,000 रुपये तक की छूट सिर्फ एनपीएस के लिए सेक्शन 80CCD(1B) है। नियोक्ता का योगदान (बेसिक + DA का 10% तक) – सेक्शन 80CCD(2) में पूरी तरह छूट (कोई ऊपरी सीमा नहीं) है। इसलिए वेतनभोगी और स्व-रोजगार दोनों के लिए टियर-1 बहुत आकर्षक है। न्यूनतम सालाना योगदान सिर्फ ₹1,000 है।

   
निकासी पर सख्त पाबंदी

  

इसमें 3 साल बाद ही आंशिक निकासी हो सकेगी जैसे शादी, घर, शिक्षा, इलाज आदि खास कारणों से पैसे निकाल सकेंगे। 60 साल की उम्र पर 60% तक टैक्स-फ्री निकासी, कम से कम 40% से एन्युइटी खरीदनी ही पड़ेगी। 60 से पहले निकलें तो कम से कम 80% एन्युइटी में लगाना जरूरी है।
टियर-2: वैकल्पिक, पूरी तरह लचीला खाता

यह म्यूचुअल फंड जैसा है। टियर-2 को टियर-1 के साथ ही खोला जा सकता है। इसके लिए टियर-1 पहले होना जरूरी है। यह पूरी तरह लिक्विड है। इसमें कोई लॉक-इन नहीं है। कभी भी पैसा निकाल सकते हैं। न्यूनतम योगदान ₹250 होगा। कोई न्यूनतम बैलेंस की जरूरत नहीं होगी। वहीं फंड मैनेजर और निवेश विकल्प जैसे टियर-1 में आम निवेशकों को कोई टैक्स छूट नहीं है। अपवाद के रूप में केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों को टियर-2 में भी 80C की छूट मिलती है। इसके लिए 3 साल लॉक-इन की शर्त होती है। टियर-2 को कई लोग एनपीएस के अंदर म्यूचुअल फंड जैसा निवेश विकल्प मानकर इस्तेमाल करते हैं।
शुरुआत में कौन सा विकल्प चुनें?

अगर आपका लक्ष्य रिटायरमेंट बचत के साथ टैक्स बचत है, तो सिर्फ टियर-1 ही शुरू करें। अगर आपको अतिरिक्त लचीला, मार्केट-लिंक्ड निवेश चाहिए (जिसे कभी भी निकाल सकें) तो टियर-1 के साथ टियर-2 भी खोल सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

प्रश्न: क्या दोनों खाते खोलना जरूरी है?


उत्तर: नहीं। एनपीएस में निवेश के लिए टियर-1 अनिवार्य है, टियर-2 पूरी तरह वैकल्पिक है। आप सिर्फ टियर-1 से ही पूरा रिटायरमेंट कॉर्पस बना सकते हैं।

प्रश्न: क्या टियर-2 से टियर-1 में पैसा ट्रांसफर करके टैक्स बचत का फायदा ले सकते हैं?


उत्तर: नहीं। टियर-2 से टियर-1 में ट्रांसफर की अनुमति नहीं है। टैक्स छूट सिर्फ टियर-1 में नए योगदान पर ही मिलती है।

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