आगरा की फतेहाबाद तहसील में मुगलकाल में बनवाया गया द्वार।
जागरण संवाददाता, आगरा। औरंगजेब की जीत पर 367 वर्ष पूर्व रखे सामूगढ़ का नाम बदलकर फतेहाबाद रखा गया था। आपरेशन सिंदूर के बाद जिला पंचायत ने फतेहाबाद का नाम सिंदूरपुरम रखने का प्रस्ताव पास करके शासन को भेजा था।
नाम बदलने की प्रक्रिया को आगे बढाते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू भदौरिया ने मुख्यमंत्री को पत्र सौंपा है। जिला पंचायत ने 23 जून को प्रस्ताव पारित करके फतेहाबाद का नाम सिंदूरपुरम करने की सरकार से सिफारिश की थी।
साथ ही ब्रह्मोस मिसाइल के नाम पर बादशाही बाग का नाम भी ब्रह्मबाग रखने का निर्णय लिया गया था। फतेहाबाद का नाम 400 वर्ष पूर्व सामूगढ़ था। जिसका फतेहाबाद नाम रखने की कहानी औरंगजेब और उसके भाई दाराशिकोह के बीच 368 वर्ष पूर्व हुए हुए युद्ध से जुड़ी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वर्ष 1658 में सामूगढ़ में औरंगजेब और दाराशिकोह से युद्ध हुआ था। इस युद्ध को औरंगजेब ने जीता था। युद्ध जीतने के बाद औरगंजेब ने अपनी फतह पर सामूगढ़ का नाम बदलकर फतेहाबाद कर दिया था। साथ ही औरंगजेब ने चार नई चीजों का निर्माण बनवाया था।
जिला पंचायत ने इस वर्ष 23 जून को सदन की बैठक के बाद आपरेशन सिंदूर के नाम पर फतेहाबाद का नाम बदलकर सिंदूरपुरम और बादशाही बाग का नाम ब्रह्मोस मिसाइल के नाम पर ब्रह्मबाग करने का प्रस्ताव पास किया था।
प्रस्ताव को कागजों से निकालकर धरातल पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू भदौरिया ने बताया, इस मामले मे मुख्यमंत्री को पिछले दिनों पत्र सौंपा गया है।
सामूगढ़ को जीतने के बाद बनवाई थीं चार चीजें
बादशाही बाग: 40 बीघा में बाग बनवाया था। इसमें चार कोनों में चार परकोटे बने हुए हैं। प्रत्येक परकोटे की वास्तुकला भिन्न है। वर्तमान फतेहाबाद तहसील, उप निबंधक कार्यालय, मुंसिफ कोर्ट, कस्तूरबा गांधी कन्या आवासीय विद्यालय, वन विभाग, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं
शाही जामा मस्जिद: फतेहाबाद कस्बे के बाजार में शाही जामा मस्जिद बनवाई थीं।
घुड़साल: शाही जामा मस्जिद के पास घुड़साल बनवाई थी। जिसे वर्तमान मे पुरानी तहसील के नाम से जाना जाता है।
शाही तालाब: फतेहाबाद बाइपास पर शाही तालाब बनवाया था। वर्तमान में शाही तालाब की दो छतरी रह गईं हैं। |