जजों ने संविधान को साक्षी मानकर विवाह किया। जागरण फोटो
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संविधान दिवस के मौके पर राजस्थान के कोटपूतली जिला कलेक्टर ऑफिस में एक प्रेरणादायक विवाह संपन्न हुआ। यहां दो न्यायिक अधिकारियों ने बिना दहेज, बिना फिजूलखर्ची और बिना दिखावे के संविधान को साक्षी मानकर विवाह कर समाज को संदेश देने का काम किया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वर हेमंत मेहरा वर्तमान समय में सवाई माधोपुर में सिविल जज के पद पर कार्यरत हैं, वही वधू करीना काला ट्रेनी न्यायिक अधिकारी हैं। विवाह संपन्न होने के बाद जज हेमंत मेहरा ने कहा कि वो संविधान को सबसे ऊपर मानते हैं। यही वजह है कि उन्होंने संविधान दिवस के मौके पर विवाह करने का निर्णय लिया।
जजों ने संविधान को साक्षी मानकर विवाह किया
इन मौके पर दोनों पक्षों के परिवारों संग जिला कलेक्टर प्रियंका गोस्वामी और अतिरिक्त जिला कलेक्टर ओमप्रकाश सहारण वहां मौजूद रहे। सभी अधिकारियों ने नवदंपती को आशीर्वाद देकर उन्हें वैवाहिक जीवन की बधाई दी। बता दें इन दो युवा न्यायिक अधिकारीयों ने दहेज-विरोध और सामाजिक सादगी का ऐसा उत्तम उदाहरण पेश किया है जो समाज के हजारों लोगों को प्रेरित करेगा।
संविधान को साक्षी मानकर कलक्ट्रेट ऑफिस में दो जजों ने की शादी
कौन हैं जज हेमंत मेहरा?
जज हेमंत मेहरा, गुंता शाहपुर बानसूर के रहने वाले हैं। कोरोना काल के बाद उन्हें जज के रूप में पोस्टिंग मिली थी। उन्होंने साल 2021 में गृह क्षेत्र बानसूर में ट्रेनिंग की थी। इसके बाद जोधपुर में उन्पहें हली पोस्टिंग दी गई। प्रोविजनल काल पूरा होने के बाद मेहरा को जयपुर जिला सेशन कोर्ट में पोस्टिंग दी गई। हेमंत पिता एक रिटायर्ड शिक्षक हैं, वही माता एक गृहणी हैं। उनके एक बड़े भाई भी हैं जो खेती का काम करते हैं।
कौन हैं करीना काला?
करीना काला का जन्म हनुमानगढ़ के नोहर में हुआ था । उन्होंने आरजेएस की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। फिलहाल काला की ट्रेनिंग चल रही हैं। उनके पिता एमपी काला रिटायर्ड प्रिंसिपल हैं, जबकि माता गृहणी हैं। |