श्रीरामजन्मभूमि मंदिर के मुख्य शिखर पर धर्म ध्वजा
प्रवीण तिवारी, जागरण, अयोध्या: श्रीरामजन्मभूमि मंदिर के मुख्य शिखर पर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस धर्म ध्वजा को फहराया है, वह देश की प्रतिष्ठित डिफेंस पब्लिक सेक्टर यूनिट (डीपीएसयू ) ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड (जीआइएल) की आयुध पैराशूट फैक्ट्री कानपुर ने निर्मित हुई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
धर्म ध्वज 18 फीट लंबा और नौ फीट ऊंचा है। ध्वजा पर कोविदार वृक्ष एवं सूर्य के अंदर ओम का प्रतीक चिह्न अंकित है। इसका वजन लगभग दो किलोग्राम है। श्रीराम मंदिर ट्रस्ट सूत्रों ने बताया कि इस धर्मध्वजा में प्रयुक्त सामग्री का प्रयोगशाला में परीक्षण हुआ है। इसकी जांच में परिणाम मानक के अनुरूप मिलने पर फैब्रिक का प्रयोग किया गया। पैराशूट कपड़े से बनी यह ध्वजा मजबूत होने के साथ-साथ हल्की भी है, जिससे कि इसे इच्छित ऊंचाई पर, मंदिर के शिखर पर लेकर जाकर सुगमता से फहराया जा सकता है। इस पर मौसम की प्रतिकूलता का प्रभाव भी नहीं पड़ेगा। इसमें विभिन्न कपड़ों, टेप एवं धागों का उपयोग किया गया है।
यह विशेष प्रकार से बनाई गई धर्मध्वजा विपरीत वातावरण में तीन से चार साल तक किसी भी तरह से प्रभावित नहीं होगी। ट्रस्ट के पदाधिकारियों को कम वजन, लेकिन मजबूत धर्मध्वजा की आवश्यकता थी, जिसे जीआइएल ने पूरा किया। यह धर्मध्वजा ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड की टीम ने श्रीराम मंदिर ट्रस्ट को 18 नंबर को ही सौंप दी थी। श्रीराम मंदिर ट्रस्ट पदाधिकारियों के साथ मंत्रणा के बाद बनीं इस मानकीकृत धर्मध्वजा के लिए पीएमओ ने भी इस रक्षा संगठन को सराहा है। दरअसल इस संस्थान ने मात्र दो सप्ताह में ही धर्म ध्वजा निर्मित कर इसे ट्रस्ट को सौंप दी। इसके कर्मचारी दिन रात जुटे रहे।
जीआइएल, रक्षा मंत्रालय के अधीन भारत सरकार का उपक्रम है। इसे देश एवं विदेश में उच्च गुणवत्ता के पैराशूट निर्माण के लिए जाना जाता है। इसकी उत्पादन इकाई आयुध पैराशूट निर्माणी (ओपीएफ) के दक्ष कर्मचारियों ने बहुत ही सात्विकता एवं पवित्रता से इस धर्मध्वजा को तैयार किया। ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) एमसी बालासुब्रमण्यम ने बताया कि यह संगठन हमेशा राष्ट्र के लिए समर्पित है। राम मंदिर के लिए ध्वजा तैयार करना गौरव की अनुभूति देने वाला रहा। |