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अशर्फी लाल हत्याकांड: 20 करोड़ की जमीन को लेकर चल रहा था विवाद, सुपारी देकर कराई बस संचालक की हत्या

LHC0088 Yesterday 13:07 views 145

  

अशर्फी सिंह और घटनास्‍थल से बरामद बरछी व अपराधी का हेलमेट



संवाद सूत्र, फुलवारी शरीफ। बस संचालक अशर्फी लाल सिंह की हत्या सुपारी देकर शूटरों से कराई गई है। स्वजनों ने बताया कि बीस करोड़ की जमीन को लेकर परिवार में विवाद चल रहा था। जमीन का विवाद गोतिया नागेश्वर सिंह से चल रहा था। नागेश्वर सिंह की मौत के बाद उनके दामाद इस केस को देख रहे थे।  विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

कुछ माह पूर्व हम लोगों ने न्यायालय से केस जीत लिया था। इसके बाद अशर्फी लाल सिंह ने चार दिन पूर्व जमीन की चारदीवारी कराई थी। इसी बात को लेकर हत्या कराई गई है। माब लिंचिंग में मारे गए दोनों अपराधियों का हुलिया और पोशाक देखकर पुलिस का मानना है कि वे पेशेवर हो सकते हैं।  

दोनों अपराधी पूरी तैयारी के साथ घटना को अंजाम देने आए थे। दोनों अपराधियों ने ब्रांडेड जूते और जींस पहन रखे थे। जिस बाइक से दोनों आए थे, उसके नंबर प्लेट पर टेप लगी थी। कैमरे में बाइक नंबर न आए और चेहरे की पहचान न हो सके, इसके लिए दोनों ने फुल हेलमेट पहन रखा था। थी।  

घटना को अंजाम देने के लिए दोनों अपराधी गोपालपुर रामकृष्ण नगर मार्ग से आए थे। पुलिस ने इस संबंध में आसपास के कैमरों की जांच पड़ताल की है। पता चला कि रामकृष्ण नगर मार्ग से आने के बाद फिर मुख्य मार्ग से होते हुए वह गांव में आए थे।  

उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि गांव में एक और मार्ग है। घर के बाहर बैठे बस संचालक अशर्फी लाल सिंह को जब अपराधियों ने गोली मारी तभी आसपास माैजूद स्वजन शोर मचाने लगे।

पकड़े जाने के डर से दोनों अपराधी दूसरे मार्ग में चले गए। मुख्य मार्ग पर डोमानचक से कुछ दूरी पर ग्रामीणों ने दोनों को दबोच लिया। बाइक से उन्हें जमीन पर पटक दिया और पिटाई कर मौत के घाट उतार दिया।
परिवार में 9 माह में दूसरी मौत

बस संचालक अशर्फी लाल सिंह उर्फ अशर्फी राय की हत्या ने पूरे परिवार को तोड़ कर रख दिया है। अशर्फी राय के दो बेटों में बड़ा बेटा रविंद्र और छोटा बेटा देवेंद्र है। करीब नौ माह पूर्व छोटा बेटा देवेंद्र बीमारी से गुजर गया था।

परिवार उस सदमे से अभी उबर भी नहीं पाया था कि सोमवार को अशर्फी राय की गोली मारकर हत्या ने घर में एक बार फिर मातम छा दिया। घटना के बाद घर में कोहराम मचा गया। महिलाएं, बहुएं और पोता-पोती दहाड़ मारकर रोने लगी।

पोता-पोती दादा की पुरानी लेकर विलाप कर रहे थे और कह रहे थे दादा के काहे गोली मार देलकई… उठ जाईं दादा… वहीं बहुएं बार-बार दुख और गुस्से में कह रही थीं कि जिस जमीन का विवाद चल रहा था, उसी में उन्हें मरवा दिया गया।

अशर्फी राय के घर के बाहर इतनी भीड़ जुट गई कि रोने-बिलखने की आवाजों से पूरा माहौल भारी हो गया। बड़े बेटे रविंद्र पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। पहले छोटा भाई गया, अब पिता की हत्या ने उसे पूरी तरह टूट जाने पर मजबूर कर दिया है।

बार-बार बेहोश हो रहे रविंद्र को स्वजन संभालते रहे, लेकिन उसकी हालत लगातार बिगड़ रही थी। गांव के लोग भी इस अत्यंत मार्मिक दृश्य को देखकर खुद को रोक नहीं पा रहे थे।
रास्ता व समय तय कर वारदात को दिया अंजाम

डोमनचक गांव में अशर्फी लाल सिंह का मकान मुख्य सड़क से भीतर तंग रास्ते पर है। वे प्रतिदिन घर के सामने बैठकी लगाते थे। इस बात का अंदाजा अपराधियों को पहले से था। इसी वजह से अपराधियों ने शाम का समय चुना। जिस समय दोनों अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया, घर में महिलाएं एवं पोता-पोती मौजूद थे।
धारदार हथियार से भी किया गया दोनों अपराधियों पर वार

भीड़ ने खदेड़ कर पकड़े गए दोनों आरोपितों पर लाठी-डंडा, ईंट के साथ ही धारदार हथियार से भी वार किया। भीड़ ने उन दोनों पर तब तक वार किया, जबतक उनकी मौत नहीं हो गई। मृतक के पास से पुलिस केवल कारतूस बरामद कर पाई।

वारदात में इस्तेमाल हथियार नहीं मिला। आशंका है कि भीड़ में शामिल कोई लेकर भाग गया। पुलिस उस हथियार की भी तलाश में जुटी है। लोगों ने दोनों का हेलमेट उतार कर सिर और चेहरे पर ईंट से वार किया था।
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