इन्सुलिन लेवल को बढ़ाने वाली नाश्ते की गलत आदतें (Picture Credit- AI Generated)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। ब्रेकफास्ट को “दिन की सबसे जरूरी मील“ कहा जाता है, क्योंकि यह न केवल शरीर को एनर्जी देता है, बल्कि मेटाबॉलिज्म को भी बूस्ट करता है। लेकिन कई बार हम कुछ ऐसी नॉर्मल आदतें अपना लेते हैं जो सेहत के लिए नुकसानदेह साबित होती हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
खासकर ये आदतें शरीर में इंसुलिन का लेवल एब्नार्मल रूप से बढ़ा सकती हैं। लगातार हाई इंसुलिन लेवल, वजन बढ़ने, डायबिटीज, हार्मोनल असंतुलन और थकान जैसी प्रॉब्लम्स को जन्म दे सकता है। इसलिए आइए जानते हैं ब्रेकफास्ट से जुड़ी ऐसी ही कुछ आम आदतों के बारे में, जो इंसुलिन स्पाइक का कारण बन सकती हैं
खाली पेट मीठी चाय या कॉफी पीना
सुबह उठते ही मीठी चाय या कॉफी पीना आपकी ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ाता है। इससे शरीर में अचानक इंसुलिन रिलीज होता है, जो इंसुलिन रेजिस्टेंस का कारण बन सकता है।
ब्रेकफास्ट स्किप करना
नाश्ता छोड़ने से शरीर अगली मील के प्रति अधिक सेंसेटिव हो जाता है और ज्यादा मात्रा में इंसुलिन रिलीज करता है।
हाई शुगर वाले सीरियल का सेवन
मार्केट में मिलने वाले कई रेडी-टू-ईट ब्रेकफास्ट सीरियल्स में छिपी हुई चीनी और रिफाइंड कार्ब्स होते हैं, जो इंसुलिन लेवल को तेजी से बढ़ाते हैं।
सिर्फ ब्रेड-बटर या जंक फूड खाना
रिफाइंड ब्रेड, बिस्किट या पफ्स जैसे ब्रेकफास्ट में फाइबर कम होता है और ग्लाइसेमिक इंडेक्स हाई, जिससे इंसुलिन तेजी से बढ़ता है।
फ्रूट जूस को फल से बेहतर समझना
फलों का जूस फाइबर से रहित होता है और इसमें नेचुरल शुगर अधिक मात्रा में होती है, जिससे ब्लड शुगर और इंसुलिन दोनों तेजी से बढ़ते हैं।
प्रोटीन की कमी
अगर ब्रेकफास्ट में पर्याप्त प्रोटीन नहीं है, तो शरीर को कार्ब्स को प्रोसेस करने में अधिक इंसुलिन रिलीज करना पड़ता है।
प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड का सेवन
जैसे इंस्टेंट नूडल्स, पॉपकॉर्न या तैयार पाउडर मिक्स, जिनमें हिडन शुगर और प्रिजरवेटिव्स होते हैं, जो इंसुलिन लेवल पर असर डालते हैं।
बिना फैट वाला ब्रेकफास्ट
थोड़ा हेल्दी फैट जैसे नट्स, बीज या घी, इंसुलिन स्पाइक को रोकने में मदद करते हैं। इनकी कमी इंसुलिन को असंतुलित कर सकती है।
बहुत जल्दी खाना या चबा कर न खाना
जब आप जल्दी-जल्दी खाते हैं, तो पाचन सही नहीं होता और शुगर जल्दी अब्जॉर्ब होती है, जिससे इंसुलिन बढ़ता है।
हर दिन एक जैसा ब्रेकफास्ट करना
सिर्फ कार्ब्स बेस्ड एक ही तरह का ब्रेकफास्ट हर दिन लेने से शरीर उस पर ओवररिएक्ट करने लगता है और इंसुलिन अधिक रिलीज होता है।
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