वोट चोरी के आरोपों को हवा देने की कोशिशें शुरू (फोटो: जागरण)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बिहार में अप्रत्याशित चुनावी हार से हैरान विपक्षी दलों ने वोट चोरी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर हमले की शुरुआत कर दी है। लगभग एकतरफा चुनाव परिणामों को विपक्ष सहज रूप से स्वीकार करने को तैयार नजर नहीं आता। कांग्रेस के साथ-साथ आईएनडीआईए में शामिल कई दलों ने चुनाव परिणामों के एकतरफा स्वरूप पर सवाल उठाकर वोट चोरी के अपने आरोपों को हवा देने की कोशिशें शुरू कर दीं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अशोक गहलोत, पवन खेड़ा, अखिलेश यादव से लेकर आम आदमी पार्टी के नेताओं ने चुनाव आयोग पर निशाना साधा। बिहार चुनाव के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक एवं राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि चुनाव परिणाम बताते हैं कि राहुल गांधी ने वोट चोरी को लेकर जो बातें कही हैं, वे सही साबित हुई हैं।
चुनाव आयोग पर उठाए सवाल
चुनाव आयोग और भाजपा के बीच गठजोड़ का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि एसआईआर से लेकर अन्य अनैतिक तरीके अपनाए गए। भाजपा-जदयू सरकार ने चुनाव के दरम्यान 10 हजार रुपये महिलाओं को बांटे, मगर चुनाव आयोग ने आचार संहिता उल्लंघन की कोई कार्रवाई नहीं की। चुनाव के बीच पैसे बांटने का खेल हुआ तो आंखों पर पट्टी बांध ली, यह वोट चोरी नहीं तो और क्या था।
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने वोट चोरी के मुद्दे पर आयोग को आगे भी घेरने के पार्टी के इरादों का साफ संकेत देते हुए कहा कि यह चुनाव बिहार की जनता और मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के बीच था और देखते हैं कि इसमें कौन जीतता है। कांग्रेस के वोट चोरी के आरोपों को आगे बढ़ाने की इस कोशिश को सपा प्रमुख अखिलेश यादव का समर्थन मिला है। उन्होंने बिहार के नतीजों में महागठबंधन के खराब प्रदर्शन के लिए आयोग और भाजपा के बीच मिलीभगत की ओर इशारा किया।
एसआईआर को वोट चोरी का षड्यंत्र बताया
एसआईआर कराने के आयोग के कदम को वोट चोरी का षड्यंत्र बताते हुए उन्होंने आगाह किया कि बंगाल और तमिलनाडु समेत अन्य राज्यों में ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। आप नेता संजय सिंह ने कहा कि उन्होंने पहले ही कह दिया था कि यह चुनाव हाईजैक हो चुका है और इसका कोई मतलब नहीं। उन्होंने कहा कि जहां 80 लाख लोगों के वोट बिहार में काट दिए जाएं, वहां चुनाव निष्पक्ष कैसे होगा और इसलिए भाजपा व प्रधानमंत्री मोदी को इसके लिए ज्ञानेश कुमार को जाकर जीत के लिए बधाई देनी चाहिए।
भाकपा नेता डी. राजा ने कहा कि चुनावी जमीन पर जो माहौल दिखा उसमें तेजस्वी यादव की लोकप्रियता कहीं ज्यादा थी, मगर नतीजे इसके प्रतिकूल और हैरान करने वाले हैं। इसलिए पूरे नतीजे आने के बाद सभी विपक्षी दल मिलकर इस मसले पर आगे की रणनीति की समीक्षा करेंगे। |