सरकार ने डीपीडीपी नियम किए।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (डीपीडीपी) नियम, 2025 अधिसूचित कर दिए हैं। यह कानून नागरिकों की डिजिटल प्राइवेसी की रक्षा और जिम्मेदारीपूर्ण डेटा उपयोग के लिए सरल, नागरिक केंद्रित और नवाचार-अनुकूल ढांचा प्रदान करता है। नियम लागू होने के बाद अगर किसी का फोन नंबर या व्यक्तिगत डेटा बिना अनुमति के इस्तेमाल किया गया है तो वह शिकायत दर्ज करा सकेगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बोर्ड यह जांच करेगा कि डाटा किसने साझा किया और किस संस्थान ने बिना सहमति के एक्सेस किया। इसके बाद दोषी पर जुर्माना लगाया जाएगा। इन नियमों का मकसद नागरिकों को अपने डेटा पर नियंत्रण प्रदान करना, दुरुपयोग की जांच करने की अनुमति देना और आनलाइन प्लेटफार्मों में उनकी गोपनीयता की रक्षा करना है। नियमों के कुछ हिस्सों को तत्काल लागू किया जाएगा।
जबकि सहमति प्रबंधकों के पंजीकरण, दायित्वों व व्यक्तिगत डेटा के प्रसंस्करण से संबंधित कुछ प्रविधानों को 12-18 महीने की अवधि में लागू किया जाएगा। इन नियमों से नागरिकों को फर्जी काल और किसी भी डिजिटल माध्यम से उनके व्यक्तिगत डेटा, वीडियो और आवाज तक अनधिकृत पहुंच से बचने में मदद मिलेगी।
गौरतलब है कि 11 अगस्त 2023 को संसद द्वारा पारित अधिनियम में डेटा संभालने वाले संस्थानों की जिम्मेदारियां और व्यक्तियों के अधिकार स्पष्ट किए गए हैं। कानून में सहमति व पारदर्शिता, उद्देश्य-सीमा, न्यूनतम डेटा संग्रह, डेटा की शुद्धता, सीमित अवधि तक डेटा संग्रहण, सुरक्षा उपाय और जवाबदेही जैसे सात मापदंड रखे गए हैं।
वहीं, आइटी उद्योग निकाय नैसकाम और डेटा सिक्योरिटी काउंसिल आफ इंडिया (डीएससीआई) ने डीपीडीपी 2025 को व्यावहारिक और आनुपातिक रूप से लागू करने के महत्व को रेखांकित किया और एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया जो भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में नवाचार और विकास का समर्थन करे।
(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ) |