40 पदों पर होगी जेएमएलटी की नियुक्ति, खून व पेशाब की जांच होगी आसान
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। एम्स प्रशासन ने चिकित्सा व्यवस्था मजबूत करने के लिए सीनियर रेजिडेंट (एसआर) के साथ ही कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की दिशा में प्रयास शुरू कर दिया है। खून व पेशाब से जुड़ी जांच खुद करने के लिए एक साथ 40 जूनियर मेडिकल लैब टेक्नोलाजिस्ट (जेएमएलटी) की नियुक्ति होने जा रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ऑपरेशन थियेटर की व्यवस्था और मजबूत करने के लिए 10 आपरेशन थियेटर असिस्टेंट भी रखे जा रहे हैं। 12 विभागों में 55 सीनियर रेजिडेंट और 69 कर्मचारियों की नियुक्ति पर काम शुरू हो गया है। इनमें 10 एसआर ट्रामा एंड इमरजेंसी में रखे जाएंगे। इससे इमरजेंसी की व्यवस्था मजबूत होगी।
एम्स प्रशासन ने पहले ही घोषणा कर दी है कि निजी कंपनी की लैब से खून व पेशाब की जांच नहीं करायी जाएगी। एम्स अपनी व्यवस्था को मजबूत कर जांच खुद करेगा। इसके लिए कई तरह की मशीन भी मंगाई जा रही है। इन मशीन के संचालन और खून व पेशाब के नमूने इकट्ठा करने के लिए कर्मचारियों की नियुक्त जरूर है। यहां तक कि मोर्च्यूरी में भी एक सहायक को रखा जा रहा है ताकि पोस्टमार्टम प्रक्रिया में कोई दिक्कत न आए।
जनरल मेडिसिन में भी व्यवस्था होगी मजबूत
जनरल मेडिसिन में डाक्टरों की कमी है। इस कमी को पूरा करने के लिए आठ सीनियर रेजिडेंट के पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई है। सीनियर रेजिडेंट आने से ओपीडी में रोगियों का उपचार आसान होगा। रेडियोलाजी विभाग की बदहाली दूर करने के लिए पांच एसआर रखने पर काम चल रहा है।
इन एसआर के आने से रेडियोलाजी विभाग में काम शुरू हो जाएगा। अभी एम्स का अपना कोई रेडियोलाजिस्ट नहीं है। तीन रेडियोलाजिस्ट ने कार्यभार ग्रहण किया था लेकिन वह सभी नौकरी छोड़कर जा चुके हैं। निजी कंपनी के रेडियोलाजिस्ट पर अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, सीटी स्कैन व एमआरआइ की जांच रिपोर्ट देने का जिम्मा है।
सीनियर रेजिडेंट और कर्मचारियों के विभिन्न पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है। एम्स में रोगियों को ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलाने के लिए जल्द से जल्द नियुक्ति की जाएगी। -
-मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) डा. विभा दत्ता, कार्यकारी निदेशक |