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प्रेट्र, नई दिल्ली। लंबे समय तक थकान (क्रॉनिक थकान ) के मरीजों में असामान्य श्वसन की प्रवृत्ति हो सकती है। यह अनियमित श्वास पैटर्न अक्सर डिस आटोनोमिया से जुड़ा हो सकता है, जो रक्त वाहिकाओं और मांसपेशियों के असामान्य तंत्रिका नियंत्रण के कारण होता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसके अतिरिक्त थकान वाले मरीजों में अनिद्रा, नींद संबंधी विकार और फेफड़ों के रोग भी असामान्य सांस के कारण हो सकते हैं, जो क्रॉनिक थकान को और बढ़ा सकते हैं।
शोधकर्ताओं ने पाया है कि क्रॉनिक थकान सिंड्रोम (सीएफएस) से ग्रस्त लोगों को सांस लेने में कठिनाई का अनुभव हो सकता है, जो उपचार का एक लक्ष्य प्रदान करता है और लक्षणों से राहत दिला सकता है।
लंबे समय तक थकान सिंड्रोम को आराम करने के बावजूद थकान और संज्ञानात्मक समस्याओं जैसे मस्तिष्क की धुंध और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई के साथ चिह्नित किया जाता है। अमेरिका के माउंट साइनाई के आइकहन स्कूल आफ मेडिसिन, के शोधकर्ताओं ने 57 मरीजों की निगरानी की, जिन्हें क्रॉनिक फटीक सिंड्रोम का निदान किया गया था, जबकि वे शारीरिक गतिविधि कर रहे थे।
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छाती और पेट के बीच समन्वय की कमी
इस बारे में जर्नल फ्रंटियर्स इन मेडिसिन में परिणाम प्रकाशित किया गया। इससे पता चलता है कि असामान्य श्वसन सामान्य रूप से गहरी सांस लेने, अत्यधिक तेज श्वसन या उथली श्वसन के रूप में दिखाई दे सकता है, जिससे फेफड़े सही तरीके से काम नहीं कर पाते। छाती और पेट के बीच समन्वय की कमी भी मांसपेशियों को काम करने से रोक सकती है, जो श्वसन में मदद करती हैं।
शोध लेखिका डॉ. डोना मैनसिनी ने कहा कि हम हाइपरवेंटिलेशन से पैदा लक्षणों को जानते हैं, हम यह सुनिश्चित नहीं कर पा रहे हैं कि असामान्य श्वसन के साथ कौन से लक्षण अधिक गंभीर हो सकते हैं, लेकिन हम निश्चित हैं कि बिना इसके प्रति जागरूक हुए मरीज असामान्य श्वसन का अनुभव कर सकते हैं।
सांस लेने में कठिनाई और हाइपरवेंटिलेशन आम
लेखकों ने लिखा, एमई/ सीएफएस (क्रॉनिक थकान सिंड्रोम) के रोगियों में सांस लेने में कठिनाई और हाइपरवेंटिलेशन आम है। यह इन रोगियों के लिए नया चिकित्सीय लक्ष्य प्रस्तुत कर सकता है। प्रतिभागियों की हृदय गति और ब्लड प्रेशर में 25 स्वस्थ लोग भी शामिल थे को दो दिनों तक कार्डियोपल्मोनरी व्यायाम करते समय मापा गया।
71 प्रतिशत ने किया सांस संबंधी समस्याओं का अनुभव
शोधकर्ताओं ने कहा कि प्रतिभागियों ने आक्सीजन प्राप्त करने के लिए कितनी तेजी से, कितनी मजबूती से या कितनी प्रभावी ढंग से सांस ली और श्वसन के पैटन का अवलोकन किया गया, ताकि हाइपरवेंटिलेशन और असामान्य श्वसन में अंतर किया जा सके, जबकि क्रॉनिक थकान वाले प्रतिभागियों को स्वस्थ लोगों के समान मात्रा में आक्सीजन लेते देखा गया। 71 प्रतिशत ने सांस संबंधी समस्याओं का अनुभव किया या तो हाइपरवेंटिलेशन, असामान्य श्वसन या दोनों ।
शोधकर्ताओं ने कहा कि असामान्य श्वसन और हाइपरवेंटिलेशन दोनों क्रॉनिक थकान के समान लक्षण पैदा कर सकते हैं, जैसे चक्कर आना, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, सांस लेने में कठिनाई और थकान । दोनों को मिलाकर क्रॉनिक थकान के नौ मरीजों ने असामान्य सांस व हाइपरवेंटिलेशन का अनुभव किया। यह लोगों को हृदय की धड़कन, छाती में दर्द, थकान और चिंता का अनुभव भी करा सकता है। टीम ने सुझाव दिया कि श्वसन संबंधी समस्याएं पोस्ट एक्सर्टशनल मलेसिया को बढ़ा सकती हैं या यहां तक कि सीधे योगदान कर सकती हैं।
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