जागरण संवाददाता, चंदौली। मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। वर्तमान वित्तीय वर्ष में 90 लाख की लागत से नौ लघु औद्योगिक इकाइयों की स्थापना कराई जाएगी। इससे गांवों में रोजगार के नए द्वार खुलेंगे। साथ ही श्रमिकों को भी काम मिलेगा। शासन से लक्ष्य आवंटित होने के बाद उद्योग की स्थापना की कवायद तेज कर दी है। बीते वित्तीय वर्ष में दस इकाइयां स्थापित कराई गईं थीं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
विभाग के अनुसार, इन औद्योगिक इकाइयों के लिए वित्त पोषण की शत-प्रतिशत व्यवस्था कराने का प्रयास होगा। इनकी स्थापना से लगभग 150 लोगों को गांव में ही रोजगार मिलेगा और वह स्वावलंबी होंगे। ग्रामीणों को स्वरोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग योजना संचालित की गई है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवसाय या ग्रामोद्योग की इकाई लगाने पर शासन वित्तपोषण की सुविधा प्रदान करता है। इकाइयों को पांच से दस लाख तक बैंकों से वित्त पोषण किया जाता है। बैंकों की ओर से इकाई को दिए गए ऋण पर सामान्य वर्ग के उद्यमी को चार प्रतिशत ब्याज देना होता है, जबकि एससी, एसटी, ओबीसी और महिला अभ्यर्थियों को ब्याज से मुक्त रखा गया है। योजना के तहत व्यवसाय और उद्योग लगाने के लिए परियोजना पर खर्च होने वाली धनराशि का सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत और आरक्षित को पांच प्रतिशत धन खुद वहन करने होंगे।
इन उद्योगों की होगी स्थापना
तेल मिल, फ्लोर मिल, बेकरी उद्योग, हथकरघा, हस्त शिल्प, इलेक्ट्रिशियन उद्योग समेत अन्य व्यवसाय व ग्रामोद्योग शामिल हैं। वित्त पोषण के बाद इकाइयां लगाई जाएंगी। इसके लिए विभाग की वेबसाइट www.upkvib.gov.in पर आनलाइन आवेदन मांगे गए हैं।
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए जनपद को 90 लाख के वित्त पोषण से नौ इकाई लगाने का लक्ष्य मिला है। इसके लिए आवेदन आ रहें हैं। आवेदनों का सत्यापन कर वित्त पोषण के लिए बैंकों को भेजा जाएगा। वित्त पोषण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इकाई लगाया जाएगा। जनवरी से मार्च के बीच इकाई को स्थापित करा लिया जाएगा।- गिरजा प्रसाद यादव, जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी। |