मनोज कुमार, पूर्णिया। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पहले चरण में जमकर वोट बरसे थे जिसने रिकॉर्ड तोड़ डाला। अब द्वितीय चरण के मतदान ने तो हर किसी को चौका दिया है। जनमत की ऐसी आंधी आई कि हर रिकॉर्ड ध्वस्त हो गया। वहीं, इस आंधी ने तो राजनीतिक पंडितों का गणित ही बिगाड़ दिया है। मतदान केंद्रों पर उमड़े मतदाताओं की उंगली के इशारे ने सबको उलझा दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वोटों की आंधी ने जीत-हार का भूल-भुलैया ऐसा बढ़ाया है कि हर कोई संशय में हैं। चुनाव से पहले किसी को यह उम्मीद नहीं थी कि मतदान का प्रतिशत 75 फीसद को पार कर सकता है। वोटों की ऐसी बारिश हुई कि पिछला सारा रिकॉर्ड ही टूट गया।
इससे पहले कभी भी यहां यह आंकड़ा 70 फीसद को नहीं छू पाया था, लेकिन बढ़े मत प्रतिशत ने दोनों ही गठबंधनों के दिल की धड़कनें बढ़ा दी हैं। राजनीतिक हलकों में यह संशय अभी दो दिनों तक बना रहने वाला है। आगामी 14 नवंबर को मतगणना के बाद ही यह पता चल पाएगा कि यह जनमत की आंधी किसे बहा कर सत्ता के गलियारे तक ले गई।
जिले में सुबह से ही मतदान केंद्रों पर जो मतदाताओं की भीड़ उमड़ी वह शाम छह बजे तक बना रहा।हालांकि मतदान शाम छह बजे के बाद भी कई बूथों पर चलता रहा। सबसे अधिक चौंकाने वाली बात आधी आबादी की भागीदारी रही। हर विधानसभा और हर बूथ पर पुरुषों से अधिक महिलाएं अधिक सक्रिय नजर आईं। यही वजह है कि महिला मतदाता का वोट प्रतिशत पुरुषों से अधिक रहा।
हालांकि, मतदाता प्रतिशत बढ़ने का विश्लेषक कई कारण बताते हैं। काेई इसे प्रशासन द्वारा लगातार चलाये जा रहे जागरूकता अभियान का असर बता रहे हैं तो कोई एसआइआर को क्रेडिट दे रहे हैं। यह भी मानना है कि इस बार छठ पूजा के तुरंत बाद चुनाव होने के कारण प्रवासी मतदाता भी घरों में ही रुके जिस कारण वोट प्रतिशत बढ़ा। चाहे जो भी कारण रहा हो, लेकिन बढ़े वोट ने पक्ष व विपक्ष दोनों खेमे की आशाएं बढ़ा दी है।
विपक्षियों का मानना है कि यह जनमत सत्ता के खिलाफ आक्रोश का प्रतिफल है। महागठबंधन के नेताओं का कहना है कि लोग शासन-सत्ता से तंग हैं। भ्रष्टाचार और बिगड़ी कानून व्यवस्था का गुस्सा लोगों ने ईवीएम पर बटन दबा कर दिया है।
राजद के जिलाध्यक्ष व पूर्व विधायक दिलीप यादव का मानना है कि लोगों ने परिवर्तन के लिए वोट दिया है। जबकि सत्ता पक्ष के लोगोें का मानना है कि सरकार के विकास कार्यों पर लोगों ने यह मुहर लगाई है।
बीजेपी के जिलाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने बताया कि एनडीए शासनकाल में बिहार में जितना विकास हुआ है उतना आजादी के बाद नहीं हुआ। इस काल में राज्य में सुशासन स्थापित हुआ तथा हर वर्ग के लोगों का विकास हुआ है। खासकर महिला सशक्तिकर की दिशा में इस सरकार ने अद्वितीय कार्य किया है। आज सरकारी नाैकरी हो या राजनीतिक क्षेत्र हर जगह महिलाएं सक्रिय भूमिका निभा रही है। यही वजह है कि यहां की महिलाएं आगे बढ़कर सरकार के पक्ष में वोट किया है। दाेनों ही पक्ष बढ़े जनमत को अपने पक्ष में बता रहे हैं लेकिन असली परिणाम 14 को मतगणना के बाद ही आयेगा। |