चीन के खिलाफ मुकेश अंबानी की कंपनी ने की शिकायत
भाषानई दिल्ली। वाणिज्य मंत्रालय (Ministry of Commerce) की यूनिट डीजीटीआर ने एक घरेलू विनिर्माता की शिकायत के बाद मुख्य रूप से मोटर वाहन उद्योग में इस्तेमाल होने वाले चाइनीज रबर (Chinese Rubber) के आयात की डंपिंग रोधी जांच शुरू की है।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि हेलो आइसोब्यूटेन और आइसोप्रीन रबर की डंपिंग से घरेलू इंडस्ट्री प्रभावित हो रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
किसने की है शिकायत
व्यापार उपचार महानिदेशालय (Directorate General of Trade Remedies) या डीजीटीआर ने जारी सर्कुलर में कहा कि आवेदक रिलायंस सिबुर इलास्टोमर्स (Reliance Sibur Elastomers) ने चीन से आयात पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने का अनुरोध किया है।
रिलायंस सिबुर इलास्टोमर्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज और सिबुर का जॉइंट वेंचर का है, जिसमें अधिकांश हिस्सेदारी रिलायंस की है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी हैं।
कौन लेगा शुल्क पर आखिरी फैसला
डीजीटीआर के सर्कुलर में कहा गया है कि प्राधिकारी जांच शुरू कर रहे हैं और यदि यह साबित हो जाता है कि डंपिंग से घरेलू उत्पादक को वास्तविक क्षति हुई है तो डीजीटीआर आयात पर शुल्क लगाने की सिफारिश करेगा। शुल्क लगाने का अंतिम निर्णय वित्त मंत्रालय लेता है।
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क्यों लगाए जाते हैं ऐसे शुल्क
पलटवार के उपायों के तहत जिनेवा स्थित विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की मल्टीलेटरल सिस्टम के तहत ये शुल्क लगाते हैं। इस शुल्क का मकसद निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को सुनिश्चित करना और घरेलू उत्पादकों एवं विदेशी उत्पादकों व निर्यातकों के लिए समान अवसर उपलब्ध कराना है।
भारत और चीन डब्ल्यूटीओ के सदस्य हैं। भारत ने चीन समेत विभिन्न देशों से सस्ते आयात से निपटने के लिए पहले ही कई उत्पादों पर डंपिंग रोधी शुल्क लगा दिया है। |