delhi blast (1)
अनूप कुमार सिंह, नई दिल्ली। लाल किला के पास हुए धमाके को 36 घंटे से अधिक का समय बीतने के बावजूद आतंकी डॉ. उमर और घटना के बाद अस्पताल पहुंचे क्षत-विक्षत अंगों की अब तक पहचान उजागर नहीं की गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
प्रशासन द्वारा जारी मृतकों व घायलों की सूची में किसी एक व्यक्ति के क्षत-विक्षत अंगों (बॉडी पार्टस) के उल्लेख के साथ ही उसके मरने की सूचना भी है। लेकिन वह कौन है, उसकी पहचान भी 24 घंटे बाद तक नहीं हो पाई है। इस पर अस्पताल प्रबंधन से लेकर पुलिस प्रशासन तक सभी मौन हैं।
प्रशासन का यही मौन अस्पताल पहुंचे अन्य क्षत-विक्षत अंगों को लेकर भी है। यह तक नहीं बताया जा रहा है कि कितने क्षत-विक्षत अंग घटनास्थल से उठाए गए और कितनों को अस्पताल पहुंचाया गया। हालांकि, सूत्र बताते हैं कि ऐसे आठ क्षत-विक्षत अंग हैं, जिनकी पहचान नहीं हो सकी है।
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कहा जा रहा है कि डीएनए परीक्षण के बिना इनकी पुष्टि संभव नहीं है, लेकिन सरकार या प्रशासन की ओर से इसे लेकर अब तक कोई दिशानिर्देश नहीं मिले हैं।
भुल्लन चौधरी को ढूंढ रहे परिजन...
लोकनायक अस्पताल पहुंचे क्षत-विक्षत अंगों की पहचान के सवालों के बीच पान की ठेली लगाने वाले भुल्लन चौधरी लाल किला विस्फोट के बाद से गायब हैं। बिहार के मधेपुरा निवासी भुल्लन चौधरी के दामाद गणेश ने बताया कि जिस स्थान पर विस्फोट हुआ, उसके पास भुल्लन पान की ठेली लगाते थे। उनका रहना-सोना भी वहीं होता था। विस्फोट के बाद से उनका कुछ पता नहीं चल रहा। ठेली भी क्षतिग्रस्त हो गई है। अस्पताल से भी उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली।
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