राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अब बेसिक और माध्यमिक विद्यालयों में आयोजित विशेष कार्यक्रमों प्रतिभागियों का स्वागत फूलों के गुलदस्ते से नहीं, बल्कि पुस्तकों से किया जाएगा।
बच्चों में पढ़ने की आदत विकसित करने के लिए बुके नहीं, बुक दें अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत विद्यालयों और राजकीय जिला पुस्तकालयों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों, प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक आयोजनों में विजेताओं व प्रतिभागियों को ट्राफी या स्मृति चिन्ह के स्थान पर पुस्तकें भेंट की जाएंगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसके माध्यम से विद्यार्थियों में पुस्तक पठन की रुचि जगाना और मोबाइल के बढ़ते उपयोग से ध्यान हटाकर उन्हें प्रेरक कहानियों की ओर मोड़ना है। अपर मुख्य सचिव बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सभी शिक्षा अधिकारियों को इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए हैं।
इसके साथ ही विद्यालयों और राजकीय जिला पुस्तकालयों के शिक्षकों व कर्मचारियों से कहा गया है कि वे स्वयं भी पुस्तकें पढ़ें और उनका सारांश कक्षा में बच्चों के साथ साझा करें। इससे बच्चों में पढ़ने की प्रेरणा बढ़ेगी और ज्ञान का विस्तार होगा।
बेसिक शिक्षा विभाग ने इस योजना पर अमल शुरू कर दिया है। योजना है कि बच्चों तक पाठ्यक्रम से अलग प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक पुस्तकें पहुंचाई जाएं, ताकि वे पुस्तक पढ़ने की अच्छी आदत विकसित कर सकें। |